भाभी – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

”  नैना, बहू , मीता बिटिया की शादी में तुम्हारे मायके से क्या- क्या आया, हमें भी तो दिखाओ |” नैना की चाची सास ने नैना से कहा |       ” इसके मायके में है हीं कौन, जो कुछ भेजेगा |” सास ने मुंह बनाते हुए कहा |       ” क्यों मां  और भाभी तो है ना … Read more

सही रिश्ते – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

सुमन के जीवन का एक कठिन समय आ चुका था। एक दिन जब वह घर में कुछ काम कर रही थी, तभी उसे एक जोर की आवाज़ सुनाई दी। यह आवाज़ उसके पति मनोहरलाल के कमरे से आ रही थी। वह घबराई और तुरंत कमरे में दौड़ी। देखा कि मनोहरलाल पलंग पर बेहोश पड़े थे, … Read more

मन का अकेलापन – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

निर्मला देवी उम्र के इस पड़ाव पर, जब उन्हें अपने बेटे आशीष और बहू आरती का सहारा चाहिए था, वह अकेलेपन और पछतावे में डूबी हुई थीं। उनका स्वास्थ्य दिनों-दिन खराब होता जा रहा था। शरीर की कमजोरी और मन का अकेलापन उन्हें अंदर से तोड़ रहा था। आरती और आशीष को जब उनके पड़ोसी … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

रचना अपनी शादी के सात महीने के बाद मायके आई थी | उसके पति रंजन उसे पहुंचाने आये थे | एकदिन रहकर वे दूसरे दिन लौट गये | कहकर गये कि सात दिन रहकर पापा के साथ वापस आ जाना | मैं लेने नहीं आऊंगा | रचना को यह अच्छा नहीं लगा कि रंजन सिर्फ … Read more

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