समझदारी – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 45

पैकर्स के गाड़ी की हॉर्न सुनकर दौड़कर  साढ़े तीन साल का सौरव बाहर आ गया ,देखिए दादाजी हमारी गाड़ी आ गई ,कहकर तालियाँ बजाने लगा ।  सुबोध जी  पोता को खुश होते देखकर भी खुश नहीं हो पाए । अनामिका दूसरे नम्बर की बहू है ,वो स्वभाव से बहुत अच्छी थी ,किंतु दीवार की शादी … Read more

उपहार की कीमत नहीं देनेवाले की नीयत देखी जाती है – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 89

गोल्डन पब्लिक स्कूल की  बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी। अचानक   एक रजिस्टर  लेकर आए क्लर्क   धीरज भैया से  आकांक्षा ने पूछा ये क्या है भैया ?   धीरज भैया हँसते हुए बोले खुद देख लीजिए मिस  पता नहीं क्या है । आकांक्षा ने रजिस्टर लेकर पढ़ना शुरू किया ।  डियर टीचर्स  प्लीज … Read more

वरदान – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 42

आज   सुहानी के शादी के कार्ड को देखकर विश्वास नहीं हो रहा था , आँखें छलक आईं ,  सुहानी वेड्स अभिलेख …… आख़िर सात वर्ष के बाद सुहानी ने  शादी के लिए हामी भर दी थी ।  सुहानी  का नाम याद आते ही  उसकी पिछली जिंदगी  किसी चलचित्र की  भांति घूमने लगी ।  वो … Read more

माँ मेरी पत्नी के जगह आपकी बेटी होती तो …. – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 38

हर्षित अपनी माँ  की ओर देखता हुआ  आहत स्वर में बोला । सबिता जी उसकी बातें सुनकर दहाड़ उठीं , तुम्हें अपनी पत्नी और अपनी ससुराल के अतिरिक्त कुछ नहीं दिखता। रिद्धि सारी बातें सुन रही थी  , उसने अपने आंसुओं पर काबू रखते हुए कहा कोई बात नहीं मम्मी जी मैं छोटे की शादी … Read more

दूर हुई गलतफहमी – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 65 1

अनामिका  सोती हुई छोटी सी बच्ची लग रही थी , उसके घुंघराले बाल गालों को चूम रहे थे , गुलाबी होंठ  सपने में हिल रहे थे ।  मोहित की   इच्छा हुई कि सपने में हँसते होठों को   हौले से छू कर जगाए , लेकिन दूसरे ही पल उसे अनामिका की बात याद आ … Read more

बड़ी बहू – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 77

किरण को आज नींद नहीं आ रही थी ,उसे बार — बार ये ख्याल आ रहा था कि कही कल सुबह उठने में देर न हो जाए …   मुकेश जी ने करवट बदलते हुए कहा ,अरे  तुम सो क्यों नहीं रही ? क्या बात है  , कुछ बताओगी ? अरे कुछ भी नहीं , … Read more

मदद – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 50

तू बिल्कुल नहीं समझता  अक्लू , इतना रात तक कहां भटक रहा था ?  आप काहे नहीं सोए बाबूजी  मैं थोड़ा काम से गया था ।   मैं सोने ही वाला था ,कि तुम्हारी दादी खाँसने लगी ,उसे ही पानी देने गया ,तो तू नदारद था। तेरा लंगोटिया रघु के साथ घूमता होगा है, न?  … Read more

प्रेम मिलन – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 56

तीन साल से चल रहा रिश्ता नहीं….. चल नहीं खुशी से चल रहे रिश्ते, को आज विराम लग गया था । आज संजना को रोना नहीं अपनी गलती पर पश्चाताप हो रहा था। आज से चार साल पहले वो अपने प्रेमी विवेक के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकती थी ,उसने पापा से … Read more

बधाई हो – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 96

प्राची  को लड़केवाले देखना चाहते हैं , उसे दिखाने पुणे जाना होगा , कैसे संभव हो पाएगा ? कल  सार्थक का फोन आया था , वो बता रहा था  ,  तीन बहनों  में वेदान्त सबसे छोटा हैं , बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत है  , अभी  छुट्टियों  में  अपनी बहन के पास पुणे गया था … Read more

तलाश – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 34

बस  की खिड़की से  ठंडी  — टंडी हवाएं  नीतू के गालों पर आकर उसके लंबे बालों  को उलझा रही थीं, किंतु इन सब बातों से बेखबर नीतू   पेड़ों को भागता देख रही थी। उसे बचपन के वो दिन याद आ गए ,जब मम्मी पापा के साथ गर्मी की छुट्टियों में नानी के घर बिहार … Read more

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