धन्य माई – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

सुबह उठकर साफ  साड़ी पहनकर नियम पूर्वक मंगरी मां ने अपने पूर्वजों  को दातून  दिया , फिर सभी को सलामती के लिए  पूजा की । अब बारी थी है दिन की तरह उसे भीख मांगने जाना था । हां मंगरी मां रोज भीख मांगने जाति थी  उसका पति  छः महीने की मंगरी और पांच साल … Read more

एक दूजे के लिए – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

दिसंबर का महीना  अपनी  अलसाई आँखें जल्दी खोलना नहीं चाहता था, ऐसे में भला सूरजदेव  भी नहीं दिखते  थे , और दिखते भी तो किसी बुजुर्ग स्वभाव  वाले मानव की तरह ठंडे, जिसे समय ने विनम्रता का चोला पहना दिया हो । खैर , मुझे तो उठना ही पड़ेगा ,सोचते हुए शुक्ला  जी उठ बैठे … Read more

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