**घर जमाई** – श्याम कुंवर भारती : Moral Stories in Hindi
मालिनी कॉलेज के पुस्तकालय में अकेली बड़ी उदास बैठी थी।उसके आंखों से आंसू बह रहे थे।व्यक्ति जब बहुत ही विकट परिस्थिति में पहुंच जाता है और किसी से अपना दुख साझा नहीं कर पाता है तो इसी तरह अकेले अपने आंसू बहाकर अपना दुख हल्का करने जा प्रयास करता है। तभी उसे ढूंढता हुआ प्रणय … Read more