बेमेल (भाग 11) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

विजेंद्र के सुडौल व गठीले बदन तथा उसके गौरवर्ण पर स्त्रियां मोहित हो जाया करती थी। फिर वह उसके घर के इर्द-गिर्द तबतक चक्कर लगाता जबतक उसकी कामवासना की पूर्ति न हो जाती। विवाहपूर्व एकबार गांव के चौराहे पर अपने आवारा दोस्तों संग बैठा विजेंद्र जब चौपड़ खेल रहा था तब उसकी बलिष्ठ काया ने … Read more

बेमेल (भाग 10) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

दूसरी तरफ हैजा गांव में पांव पसारने लगा था और कुछ गांव वालों को अपनी चपेट में भी ले चुका था। हैजे की प्रकृति से अनभिज्ञ और अपनी जान की परवाह किए बगैर श्यामा ब्रह्मबेला में ही जागकर घर के काम निपटाती और जीविकोपार्जन के लिए निकलती तो सुरज ढलने पर ही घर का मुंह … Read more

बेमेल (भाग 9) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

बगीचे से भांति-भांति के पुष्प लेकर सुलोचना पूजनकक्ष में आयी तो देखा कि ईश्वर के आगे नतमस्तक होकर सासू मां ध्यान मग्न होकर बैठी थी। थोड़े से पुष्प इश्वर के चरणों में अर्पित कर बाकी सास की तरफ बढ़ाया तो आज उसे बड़ी हैरत हुई। आंखे तरेरने के बजाय आज सास ने बड़ी सहजता से … Read more

बेमेल (भाग 8) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

.सुलोचना एक कुशल गृहिणी थी। पिछले कुछ वर्षों में पति ने घर चलाने के लिए जो पैसे दिए थे, उन्ही में से कुछ बचाकर इन्ही बूरे दिनों के लिए तो संचित किया था। संदूक निकालकर उसने विनयधर के आगे कर दिया। पत्नी की असली पहचान पति के विपत्ति के दिनों में होती है और सुलोचना … Read more

बेमेल (भाग 7) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

…सुलोचना के ब्याहकर ससुराल चले जाने के पश्चात उसके मायके की स्थिति दयनीय हो गई। जहाँ अकेले दम पर वह पूरे घर का बागडोर सम्भाले रहती थी और बेफिक़्र होकर उसकी दोनों बहनें अपनी सहेलियों संग खेत-खलिहानों में घुमती फिरती। वहीं उसके ससुराल जाने के पश्चात अब दोनों बहनों के पांव में मानो बेड़ियां सी … Read more

बेमेल (भाग 6) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

….सुलोचना अपनी माँ के कोख से मनहूस पैदा हुई थी या नहीं- इसका कोई प्रमाण तो नहीं मौजुद। पर इस बात से भी कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि हर तरफ फैले उसकी मनहूसियत के चर्चे ने उसकी ज़िंदगी पर मनहूस होने का ठप्पा जरूर लगा दिया था। यही वजह थी कि श्यामा के … Read more

बेमेल (भाग 5) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“देख न श्यामा, लगता है आज बड़े और मंझले भईया की बातों में आकर कुछ ज्यादा ही पी ली मैने! सिर दर्द से फटा जा रहा है! बर्दाश्त न हुआ तो मजबूरी में तुझे आवाज देना पड़ा। बंशी और बाकी नौकर-चाकर भी सो गए हैं! हाय…मेरा सिर!!” – संझले ननदोई ने कराहते हुए कहा और … Read more

बेमेल (भाग 4) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

…बंशी की बातें सुन श्यामा मुस्कुरायी और कहा – “काका, बचपन में माँ ने सिखाया था कि पालनहार ने जितना दिया है उसी को अपनी नियती मान ईमानदारी से आगे बढ़ने का प्रयास करती रहना। परिस्थिति चाहे कितनी भी बुरी आए, चाहे कितना भी दु:ख सहना पड़े, कभी किसी का अनिष्ट मत करना! माँ का … Read more

बेमेल (भाग 3) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

…“आइए दीदी, बिटिया को सुला रही थी!अच्छा लगा आप सबको एक साथ यहाँ देखकर। समझ में नहीं आ रहा आप सबको कहाँ बिठाऊं! देख ही रही हैं….यहाँ एक कुर्सी भी नहीं है!” – कमरे में चारो तरफ इशारा करते हुए श्यामा ने कहा फिर अपने पलंग पर जगह बनाते हुए बोली- “आपलोग यहाँ बैठिए! देखिए, … Read more

बेमेल (भाग 2) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

..पिता की चल और अचल सम्पत्ति पर अधिकार पाकर त्रिदेवियां- नंदा, सुगंधा, अमृता तथा उनके पतियों के पांव तो जमीन पर ही नहीं टिक रहे थे। इस बात का उन्हे तनिक भी ख्याल न रहा कि पिता ने छोटे भाई मनोहर की ताउम्र देखभाल और सेवा करने की जिम्मेदारी भी सौंपी है। सम्पत्ति की सुरक्षा … Read more

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