दरवाजा ध्यान से बंद करना – श्वेता अग्रवाल

“मम्मा खजला(चावल के पापड़) दो ना।” अंशुल अपनी मम्मा रीमा से कह रहा था। “खजले नहीं है,अंशुल। खत्म हो गए हैं।” “मुझे नहीं पता। मुझे तो खजला खाना है। दादी ने इतने सारे खजले तो दिए थे।” अंशुल जिद करते हुए बोला। “हाँ,दिए तो थे पर दिन में तीन- तीन बार ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर सब … Read more

मातृत्व का सफर – श्वेता अग्रवाल

शिखा डॉक्टर के चेंबर में बैठी बेसब्री से अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी। बेचैन होकर कभी वह अपने साड़ी के पल्लू को अपनी ऊॅंगली में लपेटती और खोलती तो, कभी अपने माथे पर आए पसीने को पोंछती। कभी अचानक ही चेयर से उठकर  चेंबर में टहलने लगती तो फिर अगले ही पल जाकर … Read more

माता की चौकी -श्वेता अग्रवाल

नेहा घर के दरवाज़े पर खड़ी रमन का इंतजार कर रही थी। जैसे ही रमन ऑफिस से घर आया, वह दौड़ती हुई उसके पास गई और मुस्कुराते हुए बोली “सुनो रमन, इस बार नवरात्रि पर गुरुजी हमारे ही घर रुकेंगे। नौ दिन की माता की चौकी यहीं लगेगी!” यह सुनते ही रमन उत्साह से बोला, … Read more

कॉफी में छुपा प्यार – श्वेता अग्रवाल

“आराध्या, उठ जा बेटा। ले कॉफी पी ले। फिर अपने घाघरे की फिटिंग देख लेना।” माॅं की प्यार भरी आवाज सुनकर आराध्या उठ बैठी और माॅं के हाथ से काफी का मग लेकर काफी पीते पीते अपनी माॅं से बातें करने लगी। कुछ देर तक बेटी की प्यारी बातें सुनने के बाद कुंतल बेचैन होकर … Read more

“काॅंख में छोरा, गाॅंव में ढिंढोरा” – श्वेता अग्रवाल

नीरजा अपनी चचेरी बहन चेरी की शादी में जयपुर आई थी। उसकी शादी के बाद पीहर में यह पहला बड़ा फंक्शन था तो वह इसे लेकर बहुत एक्साइटेड थी। बचपन से ही सजने-संवरने की शौकीन नीरजा अपनी सबसे अच्छी-अच्छी ड्रेसेस छाँट कर लाई थी इस शादी में।आखिर आज मौका भी था और दस्तूर भी। रही-सही … Read more

रिश्तों की रीचार्जिंग -श्वेता अग्रवाल

रिशभ और सिमी की शादी को 10 साल हो चुके थे। दोनों अपने-अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे कि अब वो पुराने दिनों की मस्ती, रोमांस और बातचीत कहीं गायब हो गई थी। रिश्ते बस एक रूटीन बनकर रह गए थे। सुबह ऑफिस की भागदौड़, शाम को थकान और वीकेंड्स पर भी बस थोड़ा … Read more

शादी का लहंगा – श्वेता अग्रवाल

पलक की शादी पक्की हो गई थी। घर में खुशी का माहौल था। लड़के वालों ने उसे पहली बार में ही पसंद कर लिया था। पलक के चेहरे पर वह खुशी साफ झलक रही थी जो किसी भी लड़की के मन में शादी तय होते ही आ जाती है। उसका ज्यादातर समय अब फोन पर … Read more

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