प्रहार – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

New Project 45

नरेश जी और सुमेधा जी अपने कमरे में बैठे हुए एक दूसरे के साथ पुरानी यादों को ताजा कर रहे थे कि अचानक से छोटे बेटे गौरव ने दरवाजे पर दस्तक देकर अंदर झांका और कहा ” पापा चाय चलेगी क्या..?” नरेश जी थोड़ा अचंभित हुए और मन में सोचा कि बेटा चाय पूछने आया … Read more

तमाचा – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

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80 वर्षीय देवीप्रसाद जी का अंतिम संस्कार हो चुका था । घर के लोग वापस घर आ चुके थे और बाहर बरामदे में बैठे थे।  रिश्तेदार अंदर बाहर हो रहे थे । कोई नहाने की तैयारी कर रहा था कोई नहाने गया था, तभी पड़ोस से विमला चाची व उनकी दोनों बहुएं चाय और बिस्किट … Read more

अहंकार की दीवार…. – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104516.742

“पापा ..अगले महीने कंपनी मुझे एक साल के लिए जर्मनी भेज रही है, प्रोजेक्ट है तो  एक टीम जा रही जिसमें मेरा भी नाम है” वैभव ने खाना खाते समय अपने पापा राम कपूर से कहा-   “अगले महीने..? तुझे पता है ना दो महीने के बाद शिखा की शादी है तू कैसे जा सकता … Read more

संवेदनहीन रिश्ते – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

New Project 34

मंदिर के प्रांगण में 44 वर्षीय स्वाति की श्रद्धांजलि सभा अब समाप्ति पर थी । शांति पाठ के बाद दो मिनट का मौन खत्म होने को ही था कि निस्तब्धता को भंग करती कुछ आवाजें प्रांगण में गूंजने लगी “नहीं निखिल,  रुको निखिल,  रुक जाओ बेटा”   शांत वातावरण में ये आवाजें एक धमाका सी … Read more

पिता का स्वाभिमान- शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

New Project 45

“अनूप और प्रिया आए हैं”। ममता जी कमरे में घुसते हुए पति सूरज जी से कहा । सूरज जी ने अखबार चेहरे से हटाकर पत्नी की तरफ देखा थोड़ा गुस्से से पूछा “कौन आया है ?” “आपके बेटा बहू …’और अभी आगे पति से कुछ कहती कि सूरज जी थोड़ी तल्खी से बोले “आता हूं … Read more

जेनरेशन गैप – शिप्पी नारंग : Moral stories in hindi

New Project 45

हरदीप सिंह जी पार्क में बेंच पर बैठे हुए विचारों के सागर में गोते लगा रहे थे उन्हें देखकर ही लग रहा था कि कितना मंथन चल रहा होगा दिल-ओ-दिमाग में।  अचानक कंधे पर एक हाथ पड़ा किसी का उन्होंने एकदम चौंक कर देख सामने बचपन के दोस्त सुरेंद्र जी खड़े थे । “आओ आओ … Read more

टूटने से जुड़ने तक – शिप्पी नारंग : Moral stories in hindi

New Project 2024 04 29T104436.080

“सुनो मीतू आज पैकिंग कर लेना कल सुबह निकल लेंगे। अभी मैं भैया के साथ जा रहा हूं।” ससुराल में आए आकाश ने अपनी पत्नी  स्मिता से कहा। अपने साले मुदित के साथ आकाश बाहर निकल ही रहा था कि सासू मां वीना जी की आवाज़ आई “आकाश बेटा ऐसा है तुम पहले जाकर अपने … Read more

विलुप्त होते रिश्ते – शिप्पी नारंग : Moral stories in hindi

New Project 86

“लो वे आ गए सुरेश जी” चंद्र प्रकाश जी ने सामने देखते हुए कहा । सभी पांचो दोस्तों की नजर सामने पड़ी देखा एक हाथ में छड़ी और दूसरे हाथ से एक 10-12 वर्षीय बच्चे का हाथ पकड़े हुए सुरेश जी चले आ रहे थे । ये छह लोगों का एक ग्रुप था जो रोज … Read more

प्रेम… तेरे कई रूप – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

New Project 83

Moral Stories in Hindi : गाड़ी के चलते ही सविताजी की आंखे धुंधला सी गईं उन्होंने घबरा कर आंखों को पोंछा लेकिन आंखे थी कि फिर फिर भर जाती थीं और फिर उन्हें समझ आया कि उनकी आंखे आंसुओं से भरी जा रही थी अब ये आंसू सुख के थे या पश्चाताप के उन्हें ही … Read more

प्रतिक्रिया – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

New Project 49

Moral Stories in Hindi : अर्चना जी पलंग पर बैठी बड़े मनोयोग से टीवी पर रामायण देख रहीं थी पति भारत जी अपनी आराम कुर्सी पर बैठे अखबार पढ़ रहे थे ।अर्चना जी पूरी तरह से रामायण में डूबी थी कि अचानक खट की आवाज आई और टीवी बंद हो गया अर्चना जी एकदम चौंक … Read more

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