बाबुल का प्रेम – शिखा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“बधाई हो, बधाई हो, मीठी को पाँचवे जन्मदिन की बधाई हो…” घर के हर सदस्य के होंठो पर आज सुबह से यही पँक्तियाँ थिरक रही थीं। आख़िर हो भी क्यों न, आज सबकी लाडली, सबकी दुलारी, घर की सबसे छोटी सदस्य मीठी की पाँचवी सालगिरह जो थी। मीठी की माँ नंदिता और पापा नीरज के … Read more

सास से ससुराल (भाग 2) – शिखा श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सरोजनी जी वेदिका के पास खड़ी होती हुई बोलीं “मुझे कोई भी बात नहीं जाननी है। पति-पत्नी के बीच की बात आपस में ही रहनी चाहिए। मैं अगर जानती हूँ तो बस इतना कि मैंने किसी को भी मेरे घर की लक्ष्मी का अपमान करने का अधिकार नहीं दिया है। … Read more

सास से ससुराल (भाग 1) – शिखा श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : दोपहर का वक्त था। सरोजनी जी अपने कमरे में आराम कर रही थीं। अचानक कोलाहल की आवाज़ से उनकी नींद टूटी। ध्यान से सुनने पर पता चला कि आवाज़ उनके बेटे-बहू के कमरे से आ रही थी। “ये अचानक इन दोनों को क्या हो गया? अभी खाने की मेज पर … Read more

साथ : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : राकेश दफ्तर से घर आया तो उसने देखा उसकी पत्नी सीमा पूजा की तैयारियों में लगी हुई थी। आज सीमा का हरितालिका तीज का व्रत था जिसकी वजह से उसने चौबीस घंटे का निर्जला उपवास रखा हुआ था। राकेश ने सीमा से चाय माँगी तो उसने उसे थोड़ी प्रतीक्षा करने … Read more

गृहलक्ष्मी – शिखा श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज महीने की पाँच तारीख थी। कैलेंडर देखते हुए रमा देवी बेचैन सी घर के आँगन में टहल रही थीं कि यकायक घंटी की आवाज़ सुनकर वो तेजी से दरवाजे की तरफ चल पड़ीं। उन्होंने दरवाजा खोला तो उनकी उम्मीद के मुताबिक सामने उनकी बहू तन्वी के दफ्तर का चपरासी … Read more

मुझे बस माँ रहने दो – शिखा श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : माँ… माँ… कहाँ हो… आशु की आवाज़ पूरे घर में गूँज रही थी। उसके पापा नितिन जी ने एक नज़र उठाकर उसे देखा और अपनी पत्नी अविका जी से कहा “लो आ गया तुम्हारा लाडला”, और फिर उन्होंने नज़रें अखबार में छुपा लीं। अविका जी जैसे ही बाहर आयीं आशु … Read more

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