बड़ा दिल – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

रचना आज सुबह से घर की साफ-सफाई में लगी थी । घर को सजाते और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में सुबह से दोपहर हो गई थी और हो भी क्यूं ना  आज उसके बड़े बेटे की शादी तय जो होने वाली थी । पीयूष और सुकृति पिछले दो साल से एक – दूसरे को … Read more

विछोह – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

दो बरस पहले ऐसे ही माँ चली गई थीं आँखों में आँसू भर के, मन में एक टीस लिए.  शुभि  कितना रोई थी तब ना, शुभि तो उतना अपनी विदाई पर भी नहीं रोई थी जितना उस दिन रोई थी.  यह रोने और उदासी का सिलसिला तो उसी दिन से शुरू हो गया था जिस … Read more

खुशकिस्मत – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

आज शुभ्रा से फोन पर देर तक बतियाती रही नीलू.शुभ्रा उसकी छोटी बहन है,दो बरस पहले उसी लड़के से उसकी शादी हुई थी जिसे उसने बहुत चाहा था और जिसे उसने नीलू से छीना था.  अंकुर का रिश्ता आया तो था नीलू के लिए ही मगर अंकुर,,शुभ्रा को इतना पसंद आ गया कि उसने ज़िद … Read more

अभागन – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

वह दिन याद आता है जब पुष्पा मामी नई नवेली दुल्हन बनाकर वीरू मामा के जीवन में आई थीं. पच्चीस बरस की मामी और चालीस बरस के मामा.. नाना जी के चल बसने के बाद घर की पहाड़ सी जिम्मेदारियां मामा के कोमल कंधों पर ही तो आ गई थीं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में … Read more

मनमुटाव – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

अर्पिता जल्दी-जल्दी काम निपटा  रही थी.जब से वह खबर सुनी थी.. खबर क्या, थी तो अपने घर की ही बात मगर मन को बेचैन और परेशान करने वाली बात थी. मम्मी के पास जाने की हड़बड़ी में कहीं बर्तन गिर रहे थे,कहीं सब्जी काटते हुए हाथ कट रहा था,, टंकी से पानी जाने कब से … Read more

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बेटियाँ पराई हैं – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

शाम हो गई थी, सुलेखा माँ की राह देख रही थी, सड़क की तरफ देखने के लिए वह टेरिस पर आ गई,आज गुलाब के पौधों में कितने सारे गुलाब खिले हैं. सब सुलेखा के लगाए हुए हैं.कितनी छोटी सी है ना उसकी और माँ की दुनिया.. पापा के चले जाने के बाद बस वही दो … Read more

समय की माँग – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

आज कई साल बाद मायके जा रही है नंदिनी, मन में उत्साह और मायूसी के मिले-जुले भाव हैं,  कैसा मायका.. कहाँ रहे माँ-बाप और वो बहनें..  कैसा रुआसा हो आया उसकी मन. बहनें… शब्द में ही कितना अपनापा लगता है ना..  नंदिनी,नलिनी,निशा और नेत्रा.. चार बहने थीं वे.. थीं… क्योंकि अब वो बहनें नहीं रहीं.. … Read more

दायरे – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

“परी, चल जल्दी से शादी का जोड़ा पहन ले, जयमाले की रस्म होने ही वाली है”..  सुगंधा आज जितनी उत्साहित है उतनी ही विवश भी. बस आज की रात कल बेटी विदा होकर चली जाएगी अपने घर,कैसा लगेगा तब यह घर जिस घर के कोने कोने में परी और सुगंधा की साथ-साथ साझा की गई … Read more

असंभव बात – श्वेता सोनी Moral Stories in Hindi

विवाह एक संस्कार है, सनातन से चली आ रही बड़ी पवित्र परंपरा,, जिसे निभाने में ही इसकी सार्थकता है..छोड़ने.. तोड़ने..  नकारने में कई सारी अनचाही समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं..तभी तो हमारी माएं, दादियां, नानियां और घर की न जाने कितनी ही स्त्रियां विवाह के नाम पर हर लड़की से मात्र निभाने का वचन लेकर … Read more

डोर मैट – श्वेता सोनी Moral Stories in Hindi

आज मुग्धा और मधुर के विवाह की दसवीं वर्षगांठ थी, आज अठारह फरवरी है मुग्धा  को अचानक याद आई इस तारीख में छिपी वह रात जब  मधुर के साथ उसने सात फेरे,, सात वचन के संस्कार पूरे किए थे.  इन सात फेरों और सात वचन  का मान क्या हर दम्पत्ति रख पाते होंगें, सोच रही … Read more

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