पापी चुड़ैल (भाग -5)- शशिकान्त कुमार : Moral stories in hindi

उनके शरीर को एक छुअन सी महसूस हुई… उन्होंने गौरीशंकर को बताना उचित न समझा और आंखे बंद करके कुछ मंत्र का जाप करने लगे ….. गौरीशंकर को लगा जैसे बाबा गृहस्थ घर में प्रवेश कर रहे हो इसलिए उसके लिए कोई मंत्र पढ़ रहे है. उन्होंने दरवाजे के नीचे के जमीन को देखा …और … Read more

पापी चुड़ैल (भाग -4)- शशिकान्त कुमार : Moral stories in hindi

कहकर फिर से गायब हो गई… इधर पूरे गांव में एक नौ दिनों का अखंड मंदिर परिसर में  कराए जाने का फैसला लिया गया जिसमे ब्रह्मण के रूप में गौरीशंकर का प्रतिष्ठित होने के कारण उन्हें पूजा कराने के लिए चुना गया और इसका निर्माण आसपास के योगी और सिद्ध महात्माओं को भी दिया जाना … Read more

पापी चुड़ैल (भाग -3)- शशिकान्त कुमार : Moral stories in hindi

जब चंद्रिका उस गोले को उस जगह दबा रही थी बिलकुल दोपहर का समय था और चंद्रिका एक खतरनाक रूप में बदल गई जिसके एक दांत बिलकुल भेड़िए के दांत की तरह नुकीला जो की उसके निचले जबड़े को फाड़ते हुए बाहर आ रही थी ,उसके एक आंख रक्तरंजित थी जिसमे से हल्की हल्की मवादें … Read more

पापी चुड़ैल (भाग -2)- शशिकान्त कुमार : Moral stories in hindi

नाम बता कर चंद्रिका विष्णु को कहती है…. चलो चलो तुम लोग जल्दी-जल्दी बेर चुनो मैं भी थोड़ी बहुत बेर चूनती हूं और आज मैं तुम्हारे गांव में ही रुकूंगी। इस पर विष्णु पूछता है आप किन के यहां रुकोगी? जो भी मुझे आज अपनी शरण में रहने देगा उसके यहां रुक जाऊंगी क्या तुम … Read more

पापी चुड़ैल (भाग -1)- शशिकान्त कुमार : Moral stories in hindi

परिचय:- पिताजी मेरे लिए भी एक छोटी सी गुड़िया बाजार से ला देना मैं भी उसके साथ खेलुंगी और अपने सखियों को भी साथ में खिलाऊंगी… अपूर्वा अपने बड़े भाई विष्णु को अपने पिता गौरी शंकर से पतंग लाने का लाड़ लगाते हुए देखकर बोली। गौरी शंकर हंसते हुए दोनों की बात सुनकर… हा हा … Read more

” समय की सीख ” – शशि कांत कुमार   : Moral Stories in Hindi

एक बात कान खोलकर सुन लीजिए मां जी अगर आपने दोबारा रजनी को इस घर में बुलाया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा कह देती हूं। लेकिन बहु , रजनी मेरी बेटी है कोई गैर थोड़े ना है जो इस घर में नही आ सकती बेटी होगी आपकी इसलिए अगर आपको अपनी ममता दिखानी है … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन ( अंतिम भाग ) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

इधर राघव और यशोदा दोनो कुछ देर बाद बैकुंठी गांव पहुंचे और सबसे पूछते हुए रामेश्वर जी घर पहुंचे …. कौन? एक अधेड़ वायक्ति उम्र करीब 50,55 के बीच का घर के दरवाजे से ही पूछता है राघव और यशोदा दोनो इस व्यक्ति को देखकर नमस्ते करते है तो वो व्यक्ति उन दोनो को अंदर … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–12) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

उस रोशनी के पीछे कोई और नही बल्कि स्वयं माता वैष्णो देवी थी और केवल देवकन्या और वैष्णवी को दिखाई दे रही थी बाकी यशोदा और राघव उनको देख पाने में असमर्थ थे। देवकन्या ने माता को प्रणाम किया और पूछी … माता आपने मुझे रूप बदलने की शक्ति से वंचित कर रखा था फिर … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–11) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

एक बहुत ही सुंदर करीब 30 वर्ष की कुमारी कन्या उसके सामने जिसके पूरे शरीर के चारो तरफ एक दैवीय औरा चमक रहा था… ऐसा लग रहा था जैसे मानो देवलोक से कोई परी उसके सामने उतर आयी हो आ..आ ..आप कौन है? (यशोदा बोली) मैं तुम्हारी बुढ़िया माता न …न… नही ऐसा कैसे हो … Read more

कच्चे धागे-एक पवित्र बंधन (भाग–10) – शशिकांत कुमार : Moral Stories in Hindi

क्या……. नही …नही माता ( यशोदा चिल्लाई) वैष्णवी कैसे  मुक्ति दे सकती है माता ..( राघव थोड़ा डरते हुए बोला) क्योंकि वैष्णवी ही राधिका है मेरे बच्चों यशोदा और राघव एक दूसरे को देखते है और वैष्णवी से लिपट है । नही मेरी बच्ची राधिका नही है मेरी बच्ची केवल मेरी बच्ची है ( यशोदा … Read more

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