आंखों से गिरना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

सुरभि बहुत ही सुंदर और आकर्षक लड़की थी, कोई भी उसे एक बार देखता तो देखते ही रह जाता था। दूध सा सफेद रंग, काले लंबे घने बाल, ऊंचा लंबा क़द, बड़ी-बड़ी आंखें, सुरहीदार गर्दन। ऐसा लगता था जैसे बनाने वाले ने उसे बहुत ही फुर्सत से बनाया है।  सुरभि को इस बात का बहुत … Read more

मम्मा, आप भी गंवार हो – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

निराली के जीवन में आज का दिन एक ऐसा मोड़ ले आया, जिसने उसे भीतर तक झकझोर दिया। उसकी पांच साल की बेटी निशि का जन्मदिन था। घर मेहमानों से भरा हुआ था। हर तरफ हंसी-खुशी का माहौल था। जन्मदिन के केक को काटने का समय आया और सबकी नजरें निशि पर टिकी थीं। निशि … Read more

आवाज़ उठाना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आख़िर कब तक चुप रहती निशा , पिछले 25 सालों से चुप ही तो है लेकिन आज उसने अपने पिता के ख़िलाफ़ न सिर्फ़ आवाज़ उठाई बल्कि अपनी माँ पर उठता हुआ पिता का हाथ भी पकड़ कर झटक दिया। 25 की हो गई है निशा लेकिन आज तक उसने कभी पिता का रूप नहीं … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों ??? – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

पापा मेरे प्यारे पापा , आप यहां नहीं हो लेकिन मुझे मालूम है कि आप मेरी हर बात सुन रहे हैं , मेरे दिल में उठते सवालों को आप समझ रहे हैं।  पापा आख़िर क्यों मैं बड़ी हो गई , मुझे फिर से आप की वही छोटी सी गुड़िया बनना है। जिसे आप ऊँगली पकड़ … Read more

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