अफ़सोस – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

20 साल गुज़र गए लेकिन आज फ़िर से श्यामा को वो दिन याद आ गया जिसका अफ़सोस उसे आज भी है और शायद ज़िंदगी भर अफ़सोस रहेगा।  जो कुछ 20 साल पहले घटा था उसमें श्यामा की गलती नहीं थी लेकिन सबने उसे ही दोषी ठहरा दिया था।  टूट गई थी श्यामा उस हादसे के … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

बात उन दिनों की है जब राधिका कॉलेज में पढ़ रही थी, ये उसका कॉलेज का पहला ही साल था। राधिका पढाई में तो होशियार थी ही वो पाक कला में भी निपुण थी। उसके हाथ में जादू था और हर तरह का खाना वो मिनटों सेकेंडों में बना देती थी, जो भी उसका बनाया … Read more

बाबुल। – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आज शादी का दिन भी आ गया, और अवनि दुल्हन बन कर अपने बाबुल का घर छोड़ कर अजय का हाथ थामकर ससुराल के लिए रवाना हो गई।  जैसे जैसे विदाई की गाड़ी आगे बढ़ रही थी।  ससुराल नज़दीक होते जा रहा था और मायका पीछे छूटता जा रहा था।   अवनि की नज़रों से बाबुल … Read more

उसने बात ही ऐसी की , माँ बाप के आंसू निकल आये – शनाया अहम   : Moral Stories in Hindi

इस बार मयंक और नव्या को अचानक आया देख मानवी जी और निलेश जी की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।  माँ पापा, इस बार हम आप दोनों को यहां से हमेशा के लिए ले जाने आये हैं, हमें वहाँ आप दोनों की कमी बहुत खलती है, इस बार हम आप दोनों की एक नहीं … Read more

बहन – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

तुम एक बात आज कान खोल कर सुन लो, मुझे इस घर में तुम्हारी बहन का आना पसंद नहीं है, जब देखो आ जाती है , सपना लगभग चीखती हुई आदर्श से बोली।    उसकी ये बात सुनकर आदर्श भी चिल्लाते हुए बोला  “महिमा मेरी न सिर्फ बहन है बल्कि मेरी बेटी भी है , मैंने … Read more

क्या कहें हमारे तो करम ही फुट गए जो ऐसी संतान को जन्म दिया – शनाया अहम  : Moral Stories in Hindi

माँ,पापा , आप दोनों अच्छे से सुन लो मुझे अब आप लोगों की ज़रूरत नहीं है , मैं बड़ी हो गई हूँ , मेरी ख़ुद की एक पहचान है।  अगर एक मल्टीनेशनल कंपनी में एक ऊँची पोस्ट पर काम करने के बाद ,सारे स्टाफ को अपने अंडर काम करवाने के बाद भी अगर मुझे अपने … Read more

नाराज़ – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

गायत्री तुम शांत होने की बात कर रही हो, तुम ही बताओ कैसे शांत रहूं।  जिस बेटे के लिये मैंने दिन रात मेहनत की , पढ़ाया लिखाया , इस क़ाबिल बनाया,अपने सपनों को अपने बेटे के सपनों की बलि चढ़ा दिया, आज वो ही बेटा मुझसे एक लड़की की खातिर ज़बान लड़ा कर गया है।  … Read more

एक मुंह दो बात – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

सीमा को आज अपना प्रोजेक्ट जमा करना था लेकिन अचानक से उसकी माँ की तबियत बहुत बिगड़ गई।  सीमा के अलावा उसकी माँ को देखने वाला और कोई नहीं था। आज सीमा के सामने बहुत उलझन थी लेकिन उसकी प्राथमिकता उसकी माँ थी।  सीमा ने देखा था कि किस तरह उसकी माँ ने उसे अकेले … Read more

बहु आँखों में आंसू भर अपने सास के पांव पर झुक गई – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

सुनो रजत, मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती , आखिर मैं अकेली क्या क्या करूँ।  मुझे घर दफ़्तर सब देखना पड़ता है और अभी कुछ टाइम में हमारे बीच एक बच्चे की ज़िम्मेदारी भी होगी , ऐसे में तुम्हारी माँ की ज़िम्मेदारी भी मुझे ही उठानी पड़ रही है , वो ख़ुद तो सारा … Read more

कड़वाहट – शनाया अहम्   : Moral Stories in Hindi

कभी कभी कुछ ऐसा हो जाता है कि मिठास से भरे रिश्तों में भी कड़वाहट आ जाती है और ये कड़वाहट रिश्तों को रिश्तों से दूर कर देती है।  ऐसा ही कुछ हुआ अंकिता और उसकी भाभी सुजाता के बीच।  अंकिता अपने माता पिता और बड़े भाई के साथ दिल्ली में रहती थी , परिवार … Read more

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