“बचा हुआ दहेज” – सेतु कुमार : Moral Stories in Hindi
गायत्री देवी की ट्रेन का समय हो चला था . उन्होंने अपनी हैंड बैग की बेल्ट कंधे पर डाल ली थी.बेटी राधा भी मां को विदा करने के लिए खड़ी हो चुकी थीं.जाने देने का मन कहां था उसका पर वो जानती थी कि पांच बजे वाली ट्रेन के बाद देर रात तक सूरजपुर जाने … Read more