एक थी कैटरीना – सीमा वर्मा : Moral Stories in Hindi
यह भोपाल शहर की दोपहरी थी- ढ़लती हुई। सुपर्णा स्टेशन से बाहर निकल आई। रोड पर दिन का सूनापन पसरा है। सुपर्णा अपना छोटा सा बैग उठा कर सड़क पार कर गई। उसे युनिवर्सिटी ऑफिस जाना है, लेकिन इस भरी दोपहरी में उस ओर जाने वाली एक भी बस नजर नहीं आ रही है। मुसीबत … Read more