एक थी कैटरीना – सीमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

यह भोपाल शहर की दोपहरी थी- ढ़लती हुई। सुपर्णा स्टेशन से बाहर निकल आई। रोड पर दिन का सूनापन पसरा है। सुपर्णा अपना छोटा सा बैग उठा कर सड़क पार कर गई। उसे युनिवर्सिटी ऑफिस जाना है, लेकिन इस भरी दोपहरी में उस ओर जाने वाली एक भी बस नजर नहीं आ रही है। मुसीबत … Read more

“अगला पड़ाव” – सीमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

बस में बैठी विजया ने दोनों हाथों से खिड़की थाम ली है, “बाहर कुछ भी तो नहीं बदला है, सब कुछ वैसा ही है, जैसा बार-बार मुझे स्मरण होता रहा है।” साथ बैठे लड़के ने उसकी ऑंखों में दुनिया भर की अजीबोगरीब प्यास भरी हुई देख कर, “क्या सोच रही हैं? आपके चेहरे पर दर्द … Read more

अहसास … – सीमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

मालती मात्र १७  की थी जब उसका  विवाह सुधीर के साथ सम्पन्न हुआ था ।  उसने जब से सपने देखना शुरू किया  था तभी से सोंचना भी उसका मन भी फूलों जैसा महका था सुधीर के साथ। यह उम्र ही होती है जब आप रंगीन और रूमानी दुनिया में रहते हैं ।  जिंदगी सतरंगी लगती … Read more

सफल दाम्पत्य … – सीमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

अपने सफल दाम्पत्य की यह कहानी अनुराधा ने तब सुनाई थी जब उससे मिलने आई गीतिका ने हँसते हुए कहा , ”  तुमने भी किस औघड़दानी को चुना है अनु ! कहाँ तुम और कहाँ खिचड़ी फरोश दुकान मालिक  ? अनु हंसते हुए बोली , “ओ… उन्हें पाने के लिए पार्वती को वर्षों तप करना … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -113)- सीमा वर्मा अंतिम भाग : Moral stories in hindi

नैना धीरे-धीरे विषाद से उबर रही है। अनुराधा! लगातार उसके साथ बनी रह कर उसके मन पर छाई गहरी अंधेरी छायाओं को हटाने में सफल हो रही है। उसे आहिस्ता-आहिस्ता हिमांशु-विहीन जीवन की आदत पड़ने लगी है। औफिस की ज़िम्मेदारियों, नाटकों की ताबड़तोड़ रिहर्सल एवं सफल मंचन से पूर्व की कटु स्मृतियां हाशिए पर जा … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -112)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

आजकल नैना को नींद नहीं आती। अगर कभी भूले- भटके आ भी गई तो एक सपना आता है। जिसमें वह एक खाई के पास खड़ी रहती है। खाई में बहुत पानी भरा है, जिसकी दूसरी ओर कोई एक आदमी हाथ में मटका रख कर खड़ा है। फिर वह आदमी हाथ में पकड़े मटकों को एक- … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -111)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

बहरहाल … सेंटर से निकल कर सीधा घर पहुंचा था। वहां बहुत जतन से रखे हुए पिता पत्र ले कर निकलने जा ही रहा था कि वहां माया को देख कर ठिठक गया। उसे शायद नैना ने मेरे सेंटर से ठीक होकर निकलने की सूचना दी होगी। मैं अचानक उसे देख कर थोड़ा असहज हो … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -110)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

नैना ने कांपते हाथों से पत्र खोला, ” देखो तुम नाराज़ मत होना। और ना ही सोच- सोच कर परेशान होना। अब मेरे लिए घर लौटना संभव नहीं है। वहां रह कर मैं तुमलोग का सामना नहीं कर पाऊंगा।  सच्चाई तो यह है कि, मैंने ही रिशेप्शन पर बैठी स्टाफ से कह कर अपने मुक्त … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -109)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

उस दिन हिमांशु से मिलने सेंटर जाने के लिए पिता भी साथ हो लिए थे। नैना को हिमांशु के चेहरे पर पहले जैसा ही आभा पूर्ण तेज पसरा हुआ दिखा था। चेहरा दमक रहा था आंखों में फिर वही पुरानी जीवंत चमक लौट आई है। नैना ने देखा, लेकिन पिता की चौकन्ना मूल्यांकन करने वाली … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -108)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

ठीक दस बजे वे दोनों रिहैबिलिटेशन सेंटर के गेट से अंदर जा चुके हैं। डौक्टरों की सलाह के मुताबिक नैना को हिमांशु से मिलने आते रहना चाहिए। उस दिन आशा के विपरीत हिमांशु वहां पहले से ही बैठा हुआ अखबार देख रहा है। जिसकी उम्मीद उन्हें बिल्कुल नहीं थी। यह उसकी ओर से साकारात्मक पहल … Read more

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