दूधो नहाओ पूतो फलो – सीमा वर्णिका : Moral Stories in Hindi

दूधो नहाओ पूतो फलो इस आशीर्वाद से राधा के तन बदन में आग लग जाती। विमल से उसकी शादी हुई दो वर्ष बीत चुके थे। आज जिंदगी के जिस मोड़ पर वह खड़ी थी वह समझ नहीं पाती कि किसको जिम्मेदार ठहराए अपने भाग्य को या माता-पिता की विवशता को।    कोरोना काल की विसंगतियों का … Read more

बीस साल पहले … – सीमा वर्णिका : Moral Stories in Hindi

जेल की लम्बी सजा काट कर प्रमोद आज रिहा हो रहा था। वह समझ नहीं पा रहा था खुश हो या अफ़सोस मनाए । वह जेल के फाटक के बाहर जड़वत खड़ा सोच रहा था किधर जाए। वहाँ जहाँ उसके परिजनों ने उसे अपराधी मान जेल के सींखचों के पीछे जीवन काटने को मजबूर किया। … Read more

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