समझौता अब नहीं – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जैसे-जैसे मानसी के मौसेरे भाई तेजस के विवाह का शुभ दिन निकट आ रहा था, उसके हृदय में उल्लास की लहरें हिलोरे ले रही थीं। “घुड़चढ़ी की रस्म में यह मखमली हरी साड़ी पहनूँगी और बारात के लिए वह सुनहरी लहंगा। सभी आत्मीयजनों से भेंट होगी! अहा, कितना आनंद आएगा!” मानसी अपने मन के भीतर … Read more

 स्वार्थी संसार – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अंशिका बेटी, आपकी सादगी और प्रगतिशील विचारों ने हमें बहुत प्रभावित किया। आपकी बात से मैं सहमत हूं कि यदि 21वीं सदी में आकर भी हम पुराने ढर्रे पर चलते रहेंगे, तो केवल कहने भर के लिए ऐसा क्यों कि बेटा, बेटी एक समान अथवा बेटा, बहू एक समान। हम आपकी नौकरी करने की इच्छा … Read more

नई दिशा – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मयंक ने माही के पास जाकर कहा, “हाय, मैं मयंक! दुल्हे का सबसे खास दोस्त! क्या आप यहाँ लड़की वालों की ओर से मेहमान हैं?”  माही ने उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा, ” अरे वाह! बिल्कुल सही पहचाना आपने! जैसे आप दुल्हे के खास दोस्त, वैसे ही मैं दुल्हन की खास सहेली! बस यहीं … Read more

नफ़रत की दीवार – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“पापा जी, आई एम् सॉरी! पर चाचा जी बड़े हैं, आदरणीय हैं। आपकी और मम्मी जी की अनुपस्थिति में उन्हें मान-सम्मान देना और उनकी आवभगत करना मेरा कर्तव्य है। मैं उन्हें कैसे मना करती? वे कह रहे थे कि वे फिर से आएंगे और आपसे डिस्कस करके ही अनुज भैया की रिंग सेरेमनी का प्रोग्राम … Read more

सुमन का संघर्ष और विजय – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

वाह! सुमन ने क्या किस्मत पाई है! पिछले जन्म में बहुत अच्छे करम करे होंगे छोकरी ने! तभी ऐसा वर मिला है! सुना तुमने! सुमन का दुल्हा शहर में बड़ी वाली डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है!  किस्मत तो दोनों जुड़वां बहनों की अच्छी है! बाला और सुमन दोनों इतने बड़े जमींदार परिवार में ब्याह … Read more

स्नेह का बंधन – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मेरा बेटा संकल्प घर आकर बहुत खुश है। दादी और मम्मी-पापा के दुलार की अनुभूति अलग ही होती है। पर पुणे और गुड़गांव के मौसम में अंतर के कारण, गुड़गांव आने पर जनवरी की सर्दी उसे जकड़ लेती है। उसे लगातार छींकें आने लगती हैं। मां जी (संकल्प की दादी) उसे काढ़ा बनाकर पिलाती हैं। … Read more

ननद – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“चरण वंदना, दीदी। बड़े भाग्य हैं हमारे जो आप पधारी हैं, हमारा मार्गदर्शन करने। आपकी उपस्थिति तो मुझे सभी चिंताओं से मुक्त कर देती है।” भाव विभोर होकर रमा ने अपनी बड़ी और इकलौती ननद सरला जी के चरणस्पर्श करते हुए कहा। “जब तुमने इतने मनुहार से बुलाया तो कैसे न आती? और फिर मेरी … Read more

मां का फैसला – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“हैलो रोहन! मैंने तेरी भाभी और बच्चों के साथ एक सप्ताह के लिए दुबई भ्रमण का कार्यक्रम बनाया है। इसलिए मैं 22 फरवरी की सुबह मां को तुम्हारे पास छोड़ने आऊंगा,” समीर ने अपने छोटे भाई रोहन से फोन पर कहा। “अरे भैया, ये क्या कह रहे हैं आप? चारु तो यह सब जानकर भड़क … Read more

पैसे का गरूर – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“अरे मनोज भैया, आप पहले कहते तो कमल के साथ-साथ आपको भी सेहरा बांध, आपकी दुल्हनिया भी साथ ही ले आते।” रिश्ते की भाभियां कमल और उसकी नई नवेली दुल्हन सपना को कंगना खिलाते हुए अपने देवर मनोज से मजाक करती हैं, जो शादी की सारी रस्मों के दौरान अपने चचेरे भाई कमल के साथ … Read more

मैं अपने अहंकार में रिश्तों के महत्व को भूल गई थी। – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जैसे ही मोबाइल पर महेश नाम फ्लैश हुआ, तृप्ति ने झट से कॉल रिसीव किया, “भैया, कैसी हैं आस्था दीदी? ज्यादा तकलीफ में तो नहीं हैं?” “देख तृप्ति, तकलीफ तो है ही, किडनी डायलिसिस किया गया है। डॉक्टर ने कहा है कि जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट करना होगा। हम डोनर ढूंढ रहे हैं। पर तू … Read more

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