किस्मतवाली – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

जब अस्पताल में बेटी होने की खबर राघव के कानों में पड़ी, वह पसीने से नहा गया। एक रूढ़िवादी परिवार का इकलौता चिराग राघव अब एक बेटी का पिता बन चुका था उसने कनखियों से अपनी मां की तरफ देखा। उसकी मां का चेहरा बुझ गया था। राघव यह सब देखकर बहुत  तनाव में आ … Read more

बड़ी बहू – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सामने बिस्तर पर रमा देवी बेसुध पड़ी हुई थीं। डॉक्टर ने अल्टीमेटम दे दिया था, कभी भी कुछ भी हो सकता है। बस अंतिम सांस ही बची हुई है। जितने भी परिवार और रिश्तेदार हैं सभी को बुला लीजिए। सुगंधा अपनी सास रमा देवी के पास बैठे हुए उनका सर सहला रही थी। वह बार-बार … Read more

खुशियों भरी दीपावली – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

जब से ससुर जी रिटायर हुए थे घर गृहस्थी  का बोझ अलका और सुरेश पर ही आ चुका था। आम मध्यमवर्गीय परिवार में मुश्किल से चार जनों का खर्चा अलका और सुरेश दोनों की कमाई से चल पाता था, वहां बाबूजी और अम्मा दोनों की दवाइयां, राशन, पानी, दूध, फल सब्जी सभी का खर्चा जुड़ … Read more

लोग भूल रहे हैं सिंदूर का महत्व – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral Stories in Hindi

सामने तलाक के पन्ने फड़फड़ा रहे थे। ऊपर सिर पर चलता हुआ पंखा अपनी तीव्र गति से चल रहा था। पन्ने तो पन्ने ही थे, हवाओं संग झूमने वाले लेकिन उन पन्नों पर जो लिखा था उससे सुधा की पूरी जिंदगी में भूचाल सा आ गया था। उसके दामाद शरद ने तलाक का कागज भिजवाया … Read more

तुम आज भी मेरे मन में जिंदा हो! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

ट्रेन से उतरकर मैं बस पकड़ने के लिए ऑटो कर लिया था।  आज मैं अपने पुराने दिन को जीना चाहता था, उसी पुरानी वर्षों, पुरानी दिनों को ,,,जिनकी याद मुझे बहुत ही ज्यादा मीठी लग रही थी!  सामने बस स्टैंड था।  अनगिनत बसें खड़ी थीं। दलाल और बस कंडक्टर आकर जगह का नाम लेकर बुला … Read more

नहीं भैया हम चोर नहीं हैं!! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

“बड़े भैया बुआ जी नहीं रहीं !”यह कहकर बल्लू फूट-फूट कर रोने लगा। “अरे कब हुआ ,,, क्या हुआ अचानक ?” “कल तक ठीक थी बड़े भैया रात में अचानक की सांस लेने में कुछ ज्यादा ही तकलीफ होने लगी और देखते ही देखते बल्लू आगे कुछ नहीं कर पाया। वह फूट-फूट का रोने लगा। … Read more

बाबुल तेरे आंगन की मैं तो एक चिरैया…!! : Moral Stories in Hindi

“जय दुर्गा मां!,आज हमारे घर लक्ष्मी आईं हैं आपको प्रणाम!”दस साल की राधा मंदिर में अपनी गोद में गाय की एक छोटी सी बछिया को लेकर भगवती के दर्शन कराने लेकर आई थी। जैसे ही घंटी बजाकर वह बाहर निकली उसके पिता पंडित उमाकांत जी उसके सामने आ गए। उन्होंने राधा को बछिया के साथ … Read more

बहन तो बहन ही होती है – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral Stories in Hindi

“शशांक रिद्धि आने वाली है रक्षाबंधन पर! कितने दिन हो गए हैं उसे देखे हुए! ये रक्षाबंधन तो खिल ही उठेगा उसके आने से।” मां ने खुशी से यह खबर सुनाते हुए कहा तो एकबारगी से मैं जितना खुश हुआ उतना ही शौक्ड भी। तबतक सुधा तीन कप चाय लेकर आई और कहा “अम्मा जी … Read more

अब कैसी नाराजगी – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सन् 1980, 8 फुट की ऊंचाई ,लंबा चौड़ा शरीर घनी घनी मूंछें और कंधे तक झूलते हुए बाल ,यह पहचान थी रघुनाथपुर की लाला जी की।लाला अमरनाथ सिंह जी कहने को तो पहलवान थे मगर कई गांव के मालिक थे।उनके पैतृक गांव रघुनाथपुर में तो उनकी तूती बोलती थी।तीन बेटे और एक बेटी का उनका … Read more

मुझे हक है…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral Stories in Hindi

शाम से ही रिचा अनमनी सी हो रही थी। एक खबर जो उसे सुकून से रहने नहीं दे रही थी । उसे अभी ऑफिस से घर  लौटे ज्यादा समय नहीं हुआ था।वह अपने बिस्तर पर लेटी हुई खिड़की से बाहर देख रही थी। मौसम बहुत ही खुशनुमा था। बाहर बादल और हल्की-हल्की बारिश हो रही … Read more

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