न पैसा न दौलत बस प्यार चाहिए – सरोज माहेश्वरी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   कॉलेज का आखिरी दिन सभी दोस्त भविष्य मे मिलतें रहते का वायदा कर एक दूसरे से विदा ले रहे थे….दूर एक बेंच पर एक जोड़ा एक दूसरे को हाथ का हाथ थामे भविष्य के सुनहरे सपने देख रहा था… विशाल! मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती तुम्हें जल्दी ही … Read more

चांद पर थूकना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

  अरे आकाश! तुम यह क्या कर रहे हो ?… कहकर स्वाति जोर जोर से चिल्लाने लगी.. अरे अरे भावी! कहते हुए आकाश चुप हो गया… बहू स्वाति की आवाज सुऩकर सास ससुर और स्वाति का पति  दिवाकर कमरे में  दौड़कर आए… देखो माँ जी! आकाश मुझे गलत तरीके से छू रहा था… नहीं भावी! यह … Read more

खून खौलना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

अरे कमली! तूने में मेरा सोने का हार देखा ,कल रात मैंने शादी से वापस आने के बाद टेबिल के ट्रॉवर में रखा था… कमली बोली – नहीं मैडम! मैं तो सुबह से रसोई में काम कर रही हूं बेटे शुभम् को स्कूल भेजने के बाद रुपाली ने पूरा घर छान मारा कहीं भी हार … Read more

गच्चा खाना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

आओ दीदी! आपके पैर में तेल लगा दूँ.. हाँ शांता! अच्छे से मालिश कर दे। मेरे पैर बहुत दुःख़ रहे हैं.. तेल लगाकर कपड़े मशीन में डाल देऩा और कल के कपड़े प्रेस करके रख देना। रीमा मैडम ने शांता बाई को झाडू पोंछे को लिए रखा था.. पर ऐसे छोटे मोटे काम रीमा कोई … Read more

टांग अड़ाना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

हॉल में सजे मेडलों को देखकर लालाराम जी बोल उठे..अरे सुहानी! ये तुम्हारे दौड़ में मिले मेडलों से क्य़ा फायदा , तुम पी. टी ऊषा तो बनने वाली हो नहीं फिर क्य़ों  दौड़ भाग के चक्कर में पड़ी हो.. अरे शेखर! खिलाड़ी बनाने में क्यों बेटी का समय बर्बाद कर रहे हो। थोड़ी देर बाद … Read more

“कान का कच्चा” – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

 रात को ११ बजे आकांक्षा ने जैसे ही स्कूटी से अपनी कॉलोनी में प्रवेश किया … रात के भोजन के बाद कॉलोनी में टहलने वालों की निगाहें उसे ऐसे घूर रहीं थीं मानों उसने कुछ अपराध किया हो … मिसेज पाटील की ऑंखें मिसेज वर्मा को कुछ  इशारा कर रही थीं.. मिसेज पाटील बोली- अब … Read more

“एक आँख से देखना” – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

 एक गैरसरकारी स्कूल के मखमली घास के खेल प्रागंण में फुटबॉल मैच चल रहा था। हर खिलाड़ी अपना शत प्रतिशत देना चाह रहा था क्योंकि आज गोवा फुटबॉल फेस्टिवल के लिए प्रतिभागियों को चुना जाना था।  श्रेष्ठ खिलाड़ी गोपाल और माधव ने आज भी अपनी काबिलियत के झंडे गाड़ दिए थे … उन दोनों का … Read more

“खरी खरी सुनाना” – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

चाय का कप हाथ में लेकर सोफे पर धसते हुए नैना बड़बडाने लगी…यह तारा बाई आज भी नहीं आई। इन लोगों का तो बस यही हाल है। तभी घण्टी बज उठी … दरवाजे पर तारा बाई जी और उसकी बेटी को देखकर नैना एकदम बरस पड़ी। यह तुमने क्या मजाक लगा रखा है एक सप्ताह … Read more

“श्यामा की ससुराल “- सरोज माहेश्वरी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : तेज बारिश होने के कारण आज कॉलेज की छुट्टी थी….श्यामा घर की बालकनी में बैठी चाय की चुस्की ले रही थी तभी उसने सड़क के उस पार व्हीलचेयर पर जाती हुई एक लड़क़ी को देखा…पैर से लाचार लड़क़ी को देखकर श्यामा अपने अतीत के पन्नों में खो गई और अपनी … Read more

“एक रिश्ता भरोसे का” – सरोज माहेश्वरी

   भरोसा ! शब्द की पावनता, श्रेष्ठता को शब्दों में पिरो पाना अति कठिन है। यह भरोसा चाहें इंसान का खून के रिश्तों पर हो या इंसान का किसी अन्य इंसान पर हो….क्योंकि आज के युग में विश्वासघात और धोखे की जड़ें इतनी मजबूत हो गई है कि रिश्तों का कोई मोल नहीं रहा है परंतु … Read more

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