अधिकार – सरिता गुप्ता : Moral stories in hindi
पिताजी की तेरहवीं को अभी सप्ताह भी नहीं हुआ था कि दोनों भाइयों में प्रापर्टी को लेकर तू तू मैं मैं शुरू हो गई थी । लावण्या को यह देखकर बहुत दुख हुआ कि माता-पिता सारी जिंदगी बेटों के लिए ही मरते रहते हैं। बस उनकी ही परवाह करते हैं । बेटों की चाह करते … Read more