तिरस्कार कब तक? – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

“जब तक जिंदा रहेगी,तब तक बुढ़ियाॅं छाती पर मूॅंग दलती रहेगी!” बहू सोमा की कर्कश आवाजें सास दयावती के कमरे की सूनेपन में प्रतिध्वनित हो रहीं थीं। तिरस्कार की चादर में लिपटी दयावती ग़लती का कारण खुद को मान रही थी।अस्सी वर्षीया अशक्त और कमजोर दयावती आत्मग्लानि महसूस कर रही थी। कमजोर शरीर को लाठी … Read more

शुभ -विवाह – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

विवाह एक ऐसा  पवित्र बंधन है, जिसमें अगर पति-पत्नी आपस में प्रेम और समझदारी से रहें ,एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें,तो उनकी जिंदगी में कुछ भी नामुमकिन नहीं रहता है।खुशियाॅं उनके दरवाजे पर सर झुकाए खड़ी रहती हैं। प्रस्तुत कहानी सच्ची घटना से प्रेरित एक लड़की राम्या की कहानी है। राम्या  एक छोटे … Read more

 प्रायश्चित – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

 कभी-कभी जीवन की सच्चाईयाॅं  वर्षों के प्यार को पल भर में क्षत-विक्षत कर देती हैं।मेरी (आनंद) ज़िन्दगी बड़ी ही सुंदर और सुव्यवस्थित ढंग से चल रही थी । उसमें माॅं की यादों का  अनमोल पिटारा, बड़ी बहन का स्नेह -दुलार और छोटे भाई के प्यार की खुशबू बसी हुई थी।  पिता भी मुझे प्यार करते … Read more

 मीठी छुरी चलाना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

काॅलेज में खुबसूरत शीना को देखते  ही अमन उस पर लट्टू  हो गया था।  अमन दिलफेंक  किस्म का इंसान था।उसे पढ़ाई -लिखाई से कोई मतलब नहीं था।वह काॅलेज में शीना के आगे -पीछे घूमा करता था। आखिरकार अपनी चिकनी -चुपड़ी बातों से उसने शीना को अपने प्रेम जाल में फाॅंस ही लिया। सामान्य परिवार की … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी : डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मोहन बाबू का मन आज बहुत ही व्यथित और विचलित है। बार-बार पत्नी के उलाहनों से उनका ह्रदय विदीर्ण हो उठा है। सम्मान की सूखी रोटी के समक्ष उन्होंने पैसों की कभी भी परवाह नहीं की।उनके मन में आरंभ से गुरु के प्रति सम्मान की अवधारणा बनी हुई थी। उन्हें ज्ञात था कि गुरु अज्ञान … Read more

समझौता अब नहीं! – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

पच्चीस वर्षीया मीरा दुबली-पतली काया, लम्बे वालोंवाली साॅंवली-सलोनी सीधी-सादी लड़की थी।स्नातक की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती थी, परन्तु माता-पिता उसकी शादी कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे।मीरा में सारे गुण भरे पड़े थे, परन्तु लड़केवालों को उसके कोई गुण नहीं दिखते थे।केवल उसके साॅंवले रंग के कारण … Read more

 संयुक्त परिवार – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

अंजू की शादी संयुक्त परिवार में हुई थी। परिवार में पति के अलावे सास-ससुर,एक जेठ ,दो देवर और एक ननद थी। ससुराल के और परिवार भी पास में ही रहते थे।सभी का आना-जाना लगा ही रहता था।अंजू के पति की नौकरी भी उसी शहर में थी। आरंभ में इतने बड़े परिवार में एडजस्ट होने में … Read more

स्वार्थी संसार – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मनुष्य की लोलुप इच्छाऍं दिन-प्रतिदन सुरसा की भाॅंति मुॅंह बाए फैलती ही जा रहीं हैं।उन असीमित इच्छाओं की पूर्ति के लिए स्वार्थ उसपर इस कदर हावी होता जा रहा है कि इंसानियत ही दम तोड़ती नजर आने लगी है।इन इच्छाओं की पूर्ति के लिए वह अनेक अनैतिक हथकंडों को अपनाता रहता है। जल्द -से-जल्द अमीर … Read more

नमक-मिर्च लगाना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

उमा के मन-मस्तिष्क में विचित्र झंझावात द्वन्द मचाए हुए था।उसके अपनत्व का यह परिणाम हो सकता है,यह उसकी कल्पना से परे था।उमा के मन में यादों की धुॅंध गहराने लगी। अतीत बाढ़ के पानी की तरह हर हद को तोड़कर उसके दिलो-दिमाग पर हावी होने लगा।उमा और नीना का वर्षों पुरानी दोस्ती का रिश्ता आज … Read more

दिखावे की जिंदगी – डाॅ संजु झा। : Moral Stories in Hindi

आधुनिक समय में दिखावे की जिंदगी के लिए कभी-कभी व्यक्ति पैसे कमाने की चाहत में अंधा हो जाता है।हालात और परिस्थितियाॅं भी उसके लिए जिम्मेदार होती हैं, परन्तु अंत में पछतावा ही हाथ लगता है। दिखावे की जिंदगी में आज व्यक्ति अपनी इच्छाओं और महत्वकांक्षाओं का गुलाम बन बैठा है। एक-दूसरे से दिखावे की होड़ … Read more

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