ताली एक हाथ से नहीं बजती – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

नीता का आज बैंक में सिर भारी-भारी था,इस कारण अपने शाखा प्रबंधक को कहकर घर आ गई। घर आते ही थर्मामीटर लगाकर देखा तो सौ से ऊपर बुखार था।दो दिन से मेड भी नहीं आ रही थी।हिम्मत न होते हुए  भी उसने चाय बनाई और दो ब्रेड लेकर दवा खाने बैठ गई। किसी तरह दवा … Read more

किस्मतवाली – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

रम्या   एक  किस्मतवाली  लड़की है।दसवीं पास करते ही उसकी शादी हो गई  थी,परन्तु ससुरालवाले और पति की सहायता से वह आज इस मकाम पर पहुँची है।रम्या को आज भी गुजरे हुए दिन याद हैं।  रम्या एक छोटे से गाँव में अपने माता-पिता और चार भाई-बहनों के साथ  रहती थी।उसका रंग जरुर साँवला था,परन्तु उसकी … Read more

अपनी पगड़ी अपने हाथ – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

रमाकांत और उमाकांत दो भाई  थे।दोनों भाईयों में आपस में बहुत प्रेम था।बड़े भाई रमाकांत पढ़-लिखकर असाम में शिक्षक की नौकरी करने चले गए। उनका परिवार भी साथ रहता था।उनके माता-पिता छोटे बेटे के साथ गाँव में रहते। थे।छोटा उमाकांत गाँव में खेती-बाड़ी सँभालता था।छोटे भाई की पत्नी  कविता जबान की बहुत तेज थी।जब तब … Read more

बहूरानी – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

आज मैं एक ऐसी बहूरानी की कहानी लिख रही हूँ,जो सच्ची घटना से प्रेरित है तथा उनका जीवन अनुकरणीय है।जब मैंने 90 साल की उम्र में गोरकी  काकी की मौत की खबर सुनी थी,तो उनके अदम्य साहस और जीवट व्यक्तित्व के कारण मन  उनके प्रति श्रद्धा से भर उठा।उनकी कहानी यादों में विचरण करने लगी। … Read more

अफसोस – डाॅक्टर संजु झा: Moral Stories in Hindi

अपने घर की बालकनी में बैठी उमा एकटक सूरज को निहार रही थी।उसकी जिन्दगी की तरह शाम का सूरज ढ़लते दिन का आभास करा रहा था।उसकी जिन्दगी का सूरज भी तो बेवफा निकलकर रात के अंधेरे में गुम हो गया। उमा को सदैव अफसोस रहेगा कि उसकी खुद की गलती के कारण ही उसका प्यार … Read more

खुशियों के दीप – डाॅक्टर संजु झा  : Moral Stories in Hindi

नीरजा का वर्षों पुराना सपना आज सच होने जा रहा है।हर्षातिरेक से नीरजा के पाँव जमीं पर नहीं पड़ रहे हैं।उसके जीवन  में खुशियों के दीप जगमगा उठे हैं।उसके बेटा-बहू गृहप्रवेश की पूजा पर बैठे हैं।पंडितजी की मंत्रोच्चार की ध्वनि वातावरण में पवित्रता का एहसास करा रही है।एक आम आदमी के लिए अपने घर का … Read more

खून के आँसू रोना – डाॅक्टर संजु झा  : Moral Stories in Hindi

उदय जब दस साल का था,तो प्रसव के समय उसकी माँ का अचानक निधन हो गया।उदय का जन्म उसकी माँ की शादी के बारह वर्ष बाद हुआ था,इस कारण उदय माँ के जीवन का सूर्य था।पूरा परिवार उससे अत्यधिक प्रेम करता था,विशेषकर दादा जी और माँ की आँखों का तारा था। माँ के निधन से … Read more

सिन्दूर – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

जिन्दगी में सिन्दूर का बंधन आरंभ में सुगंधित फूलों के झोंके के समान प्रतीत होता है,परन्तु कभी-कभी वह झोंका क्षणभंगुर साबित हो जाता है।पलभर के सुगंधित झोंकों के सहारे केवल सिन्दूर के नाम पर पूरी जिन्दगी काटनी  मुश्किल हो जाती है।पति-पत्नी दाम्पत्य-जीवन निभाने के लिए अग्नि के समक्ष सात फेरे लेते हैं,परन्तु उन सात फेरों … Read more

साँच को आँच नहीं – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

अक्सर बचपन में सुनी कहानियाँ और सीख जीवन में काम आती हैं।मनुष्य को सरल और सहज जीवन के लिए हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए। कहा भी गया है’सत्यमेव जयते!’अर्थात् हमेशा सत्य की जीत होती है।सत्यवचन से सम्बन्धित प्रस्तुत कहानी पंचतंत्र से ली गई है।पंचतंत्र  विष्णु शर्मा की  कहानियों का संकलन है।पं विष्णु शर्मा ने … Read more

रिश्तों में बढ़ती दूरियाँ – डाॅ संजु झा: Moral Stories in Hindi

कथानायिका विमला की कहानी  करीब पचास-साठ वर्ष  पूर्व की है।उस समय समाज में नारी की स्थिति अत्यधिक दयनीय  थी।उसे अपनी इच्छा और भावनाओं को व्यक्त करने का कोई अधिकार नहीं था। परिवार  के लिए बस वह एक कठपुतली  मात्र थी।विमला अपने सभी भाई-बहनों में छोटी थी,इस कारण घर में सबकी लाडली थी।विमला देखने में अत्यधिक … Read more

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