लम्बरदार – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

बड्डे बिस्तर पर पड़े हैं, जैसे हड्डियों का ढांचा हो। पुराने बंगले के पीछे नौकरों के लिए बने मकान में दो मकान को जोड़कर बनाए हुए जर्जर घर मे। किसी जमाने मे ये बंगला इस गांव की अधिकांश जमीन इन्ही की हुआ करती थी। तालाब खेत खलिहान सब। किसी जमाने मे अंग्रेजो ने किसी बात … Read more

बदरंग रिश्ते – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

कैसी उदास सुबह है ना! होली कल ही बीती है, कितना उल्लास, कितना मस्ती भरा माहौल था कल सारा दिन और आज देखो? ऐसा लग रहा है मानो कल कोई मौत हुई हो मोहल्ले में। एक परिंदा भी पर नहीं मार रहा है। अजीब सी मनहूसीयत पसरी हुई है। चाय पीते–पीते कुसुम ने कहा।  नौ … Read more

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