कच्चे धागे से बुने रिश्ते – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

सुनो अखिल! अब तुम्हें मेरा हालचाल पूछने के लिए आने की जरूरत नहीं है, तुम्हारे पापा है मुझे सम्हालने के लिए। जब हमें तुम्हारी जरूरत थी, तब तुम्हे नहीं लगा कि यहां होना चाहिए तुम्हें, तो अब रोज यूँ आकर दिखावा मत करो। अखिल ने कुछ कहना चाहा, पर माँ ने चादर ओढ़ कर करवट … Read more

श्राद्ध – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

दादी पहली बार पूरब के घर आई हैं। छत्तीसगढ़ के छोटे से शहर दुर्ग से कभी बाहर पांव भी नहीं रखा दादी ने। सारा जीवन घर परिवार को सम्हालने में खर्च करने के बाद एक रात दादी को सपने में गोपाल जी दिखाई दे गए। बस फिर क्या था उन्होंने बस माला जपनी शुरू कर … Read more

सुबह का भूला – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

फाइव स्टार होटल जैसा अस्पताल, भीड़-भाड़ के बीच अल्पना अकेली बैठी है बड़ी सी लॉबी में कॉफी शॉप की एक टेबल पर। कॉफी से उठता धुँवा अल्पना की आंखों में उतर आया है। पापाजी का ऑपरेशन चल रहा है, तीन दिन पहले सुबह-सुबह सीने में दर्द उठा। अल्पना ने जैसे तैसे व्यवस्था कर अस्पताल में … Read more

इंतजार – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

घाट में भारी भीड़ में तुम्हारी मांग में भरा सिंदूर दूर से दमक रहा था। छट पूजा की शाम का इंतज़ार हर साल रहता है। तुम हर साल इन दिनों घर आती हो।  तुम्हारी तस्वीरें देखता रहता हूँ सोशल मीडिया में अक़्सर। वहां मैं तुम्हारा मित्र तो नहीं हूं मैं, वहां क्या अब तो मैं … Read more

पंख – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

“जिस दिन मेरे पंख आयेंगे न देखना मैं आसमान में उड़ जाऊंगी।” नन्हीं बच्ची ने एक चिड़िया को बालकनी में बैठे देखकर मां से कहा। मां मुस्कुराई। उसकी पीठ पर हाथ फेरा और कहा–”हम लड़कियों के पंख आते नहीं है बेटा, हमें खुद बनाने पड़ते हैं। अपने छुपे हुए आत्मविश्वास, अपनी दबी हुई ताकत, और … Read more

बदरंग रिश्ते – संजय मृदुल : Moral stories in hindi

कैसी उदास सुबह है ना! होली कल ही बीती है, कितना उल्लास, कितना मस्ती भरा माहौल था कल सारा दिन और आज देखो? ऐसा लग रहा है मानो कल कोई मौत हुई हो मोहल्ले में। एक परिंदा भी पर नहीं मार रहा है। अजीब सी मनहूसीयत पसरी हुई है। चाय पीते–पीते कुसुम ने कहा।  नौ … Read more

अस्तित्व – संजय मृदुल : Moral stories in hindi

मुझे किसी से कोई फर्क नही पड़ता। तुम हो या और कोई, समझे।  जी, मैंने सर झुकाए हुए कहा और अपने शरीर को धकेलते हुए कमरे से बाहर ले आई। पलकें नम हो रही थी और ऐसा लग रहा था चीख चीख कर रोऊँ। उनके ऐसे शब्द सुनकर मेरा खून खौल गया, लेकिन प्यार है … Read more

रिश्ते जोड़ता करवा चौथ – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “जीजी चाँद निकल आया जल्दी आ जाइये।” छोटी भाभी की छत पर से आवाज आई।  मन तो नही हो रहा था पर जाना तो पड़ेगा। ज्योति का ये मायके में पहला अवसर था करवा चौथ पर। और शादीशुदा जिंदगी का शायद आखरी। पंद्रह साल की शादी आज दांव पर लगी … Read more

रिश्ते की नई सुबह – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : .. सुबह सुबह आश्रम के कार्यालय में हम बैठे थे, सावित्री मौसी के बारे में पूरी जानकारी देते। मौसी खामोशी से किनारे बैठी हुई है। मैनेजर ने कहा भाई साब काश ऐसे लोग और हो तो इन बुजुर्गों को कभी भीख न मांगना पड़े। बहुत बुरा लगता है हमें भी, … Read more

error: Content is Copyright protected !!