मेरी राखी बहन निधि – रूचि पंत : Moral Stories in Hindi

” सीमा अब चलो भी” विनोद ने मौका पाकर दबे होंठों  से अपनी पत्नी से कहा। “आप जब भी मेरे भैया के यहा आते है हर आधे घंटे में आपका ‘जल्दी चलो जल्दी चलो’ का अलार्म बजने लगता है। अरे साल में एक बार ही तो आती है राखी! आज के दिन मैं आपकी एक … Read more

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