शुभ विवाह – ऋतु यादव  : Moral Stories in Hindi

अनंतना आज बहुत खुश थी। आखिर हो ही गया  कोशिका का भी शुभ विवाह। अनंतना जो शुरू से ही थोड़ी अंतर्मुखी थी, की शादी बड़ी मुश्किल से हुई थी। वो बात अलग थी, कि उसके बाद अब ठीक ही रहा। पर उस देखा दिखाई ke दौरान का उसका अनुभव इतना खराब था कि खुद की … Read more

नमक का हक़ अदा करना – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

हॉस्पिटल में बेड के किनारे बैठी दमयंती आज उस दिन का शुक्र मना रही थी जब, रोते बिलखते उस बच्चे को वह सबके मना करने के बावजूद अपने साथ घर ले आई थी।  तभी उसके पति राजेन्द्र जी के खांसने की आवाज़ से उसकी तंद्रा टूटी। इतने में रोहित भी पहुंच गया। दोनों ने मिलकर … Read more

इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

स्वस्ति ने शुरू से ही घर में पिताजी को काम पर जाते देखा और माँ को घर संभालते। इस दौरान उसने सदा महसूस किया कि ऐसा नहीं था कि माँ काम कोई कम करती हो बल्कि सारा दिन लगी ही रहती थी फिर भी घर में पिताजी का ही दबदबा था।जब तब दादी और पिताजी … Read more

 प्रायश्चित – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

संस्कृति का हंसता खेलता परिवार उस समय उजड़ गया जब अचानक पति सोहम रोड एक्सीडेंट में उसे छोड़कर चले गए। रह गई अकेली संस्कृति और उसके दो बच्चे। कहने को रुपए पैसे की कोई कमी नहीं थी, सोहम ने इंश्योरेंस, किराए और कई ऐसी स्कीम्स पर इन्वेस्ट कर रखा था कि संस्कृति और बच्चों का … Read more

 तकदीर फूटना – ऋतु यादव  : Moral Stories in Hindi

जबसे विभा शादी कर ससुराल आई, वह प्रयास करती कि घर में सभी का ख्याल रखे, सास ससुर की सेवा सुश्रुषा में कोई कसर न रहे, घर में प्रेम और हंसी खुशी का माहौल बना रहे।  यूं तो विभा में कोई कमी नहीं थी पढ़ाई लिखाई, सिलाई कढ़ाई, घर का काम सभी में दक्ष थी … Read more

सम्मान की सूखी रोटी – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

समीक्षा, लक्षित जी से शादी कर भरे पूरे परिवार में आई। घर में लक्षित की मां के अलावा के दो बड़े भाई थे ।जिसमें से सबसे बड़े भाई साहब, विनय शादीशुदा थे और उनकी पत्नी और दो बच्चे थे। मंझला भाई शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ था तो, सासू मां उसके साथ ही व्यस्त … Read more

 “ब्रह्म विवाह” : ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

पचास वर्षीय स्निग्धा बरामदे में बैठ चाय पी रही थी कि अचानक दरवाज़े की घंटी बजी और दूर से जेठानी हेमल आती नज़र आई। दोनों मुस्कुराकर गले लगी। हेमल, “तो कैसी चल रही है, शादी की तैयारी? स्निग्धा,”कैसी तैयारी चलेगी, आपसे कुछ छिपा है क्या?” हेमल,” तुझे दुखी रहने का शौक है क्या? चल छोड़। … Read more

पट्टी पढ़ाना – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

आज इतवार था तो सहेजना ज़रा देर से उठी,वरना तो रोज सुबह के साढ़े पांच बजे दिन शुरू होता। चाय, बच्चों, पति और अपना टिफिन पैक कर भागम भाग ऑफिस पहुंचती और आते ही फिर वही बच्चों का होमवर्क और रात का खाना करते करते ग्यारह बज ही जाते। उठकर रसोई में पहुंची तो सास … Read more

मन की गांठ – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

चिन्मयी जैसे ही लंच खत्म कर ऑफिस डेस्क पर पहुंची, बॉस ने उसे बुलवाया और उसकी टीम बदल दी। जिस प्रोजेक्ट पर वह लंबे समय से काम कर रही थी, उस से निकाल उसे फील्ड वर्क और सिर्फ रिपोर्ट्स कंपाइल करने का काम दे दिया गया, वह कुछ पूछती उस से पहले ही बॉस ऑर्डर्स … Read more

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

अरे ऊर्जा!! तुम यहां कैसे? और यह क्या तुम तो बिल्कुल बदल गई हो। कितनी स्मार्ट लग रही हो!! एक सांस में बोल गई मैं। ऊर्जा,”माही दीदी!! फिर इधर-उधर देख सहज होते हुए,”बताइए इस कार्यालय में कैसे आना हुआ?” माही,”(कागज दिखाते हुए)वो मैं अपने स्वयं सहायता समूह के लिए, महिला विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जा … Read more

error: Content is protected !!