मेरी तो किस्मत ही फूटी है – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

    “नीतिका! तुम हर वक्त यह क्यों चाहती हो कि सब तुम्हारी ही बात माने। यह याद रखो कि घर की मालकिन और बड़ी मैं हूँ न कि तुम।” मंगला अपनी छोटी बहू नीतिका को जोर-जोर से डाँटे जा रही थी।          ” माँ! यह भी कोई कहने की बात है? आप ही इस घर की बड़ी … Read more

 इज़्ज़त किसकी – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 “तू निकल यहाँ से! हमारे पास नहीं है तुझे खिलाने के लिए फालतू पैसे! काम का न काज का दुश्मन अनाज का। तेरी पढ़ाई-लिखाई पर इतना खर्चा किया। सोचा कि पढ़ाई पूरी होने के बाद तू नौकरी करेगा तो कुछ घर में सहारा लगेगा पर नहीं जी, इन्हें तो दिवास्वप्न देखने से ही फ़ुर्सत नहीं … Read more

ये दूरियाँ – डॉ ऋतु अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

   पुष्पा आज अकेली कमरे में बैठी थी। कहने को चार संताने थीं उसकी पर आज कोई झूठे मुँह भी उससे यह नहीं पूछता था कि माँ तुम कैसी हो। बस उसकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कभी नौकर या कोई बहू पल भर को आते थे। खाना- नाश्ता, फल, दूध इत्यादि रखकर फ़ौरन ही चले … Read more

“गलती” – ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरुणिमा एक उच्च वर्गीय संपन्न परिवार की लड़की थी।ताऊ-चाचाओं का बहुत बड़ा संयुक्त परिवार, हाई क्लास बिजनेस और नौकर चाकरों का रेला तो परिवार में बहू बेटियों को ज्यादा काम करने की आदत नहीं थी। अरुणिमा देखने में औसत ही थी और पढ़ाई में भी औसत। पर परिवार वाले चाहते … Read more

घरौंदा – ऋतु अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “रमित!आज फिर तुम्हें देर हो गई। देखो! जरा साढ़े ग्यारह बज रहे हैं।” अनुभा ने दरवाजा खोलते हुए कहा         “हम्म।” कहकर रमित बेडरूम की ओर जाने लगा।         “आप चेंज कर लो, मैं खाना लगा रही हूँ।” रसोई घर की लाइट्स ऑन करते हुए अनुभा बोली।       “नहीं, रहने दो! खाना खा … Read more

“एक ससुराल ऐसा भी” – ऋतु अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :   “बहू आ गई! बहू आ गई!” के शोर से सारा दालान गूँज उठा। घर में जितने भी रिश्तेदार थे,सभी ड्योढी पर आ खड़े हुए। मानसी आदित्य के साथ दरवाजे के दूसरी तरफ खड़ी थी। नया घर, नया माहौल, नए लोग, सोच सोच कर ही मानसी की हालत ख़राब हुई जा … Read more

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बहू मेरा अक्स – ऋतु अग्रवाल

“सुनो! आज मैं बच्चों के पास ही सोऊँगी। राध्या को बहुत तेज बुखार है। सारा बदन तप रहा है उसका। रात को कुछ परेशानी हुई तो किससे कहेगी वह? रोमिल तो अभी बहुत छोटा है।” सुगंधा ने अश्विन की चिरौरी करते हुए कहा।           “मुझे कुछ नहीं पता। दवाई दे दी है न उसे। रात में … Read more

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