पीहर जाने की खुशी – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

जल्दी करो भई  तुम्हारी ट्रेन मिस हो जाएगी  फिर भी तुम मुझे ही दोष दोगी …. अमित ने यह पिछले पांच मिनट में छ बार बोल दिया था  आई, आप भी ना, अभी डेढ़ घंटा है गाड़ी आने में और आपने अभी से  हल्ला मचाया हुआ है  अमित ने सामान कार में रखा और ममता … Read more

समझ के रिश्ते – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

एक छोटी सी बात का बतंगड़ बना दिया है तुम दोनों ने, सविता जी ने अपने बेटे सुजीत और बहू शिखा को  डांटते हुए कहा  कई दिनों से तुम दोनों को देख रही हूं ना एक दुसरे से बात कर रहे हो और ना ही एक दुसरे की तरफ़ देख रहे हो  हमे भी तो … Read more

यही जीवन का सच है – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

वासु देख तो दरवाज़े पर कोई  है  दादी आप भी सठिया गई हो ,कोई भी तो नहीं है  घड़ी घड़ी बोलती रहती हो  दरवाजे पर कोई है, दरवाजे पर कोई है  जब कि कोई भी नही है, कितनी बार तो देख चुका हूं  एक आह भर कर वासु फिर से खाली कमरे में पड़े बिस्तर … Read more

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