यही जीवन का सच है – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

वासु देख तो दरवाज़े पर कोई  है  दादी आप भी सठिया गई हो ,कोई भी तो नहीं है  घड़ी घड़ी बोलती रहती हो  दरवाजे पर कोई है, दरवाजे पर कोई है  जब कि कोई भी नही है, कितनी बार तो देख चुका हूं  एक आह भर कर वासु फिर से खाली कमरे में पड़े बिस्तर … Read more

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