मुट्ठी से फिसलती रेत. …. – राजश्री जैन : Moral Stories in Hindi

वसुधा जी और आकाश जी जिंदगी के इस पड़ाव पर थक का यह मान चुके थे कि उनका बेटा राघव अब उनके पास नहीं आएगा . वो दोनों बहुत दिनों तक उसका इंतज़ार करते रहे और फिर दुखी हो कर रह जाते थे तो सोचा अब उसे भुला ही देना चाहिए वर्ना अक्सर रात को … Read more

जिंदगी की गाड़ी समय पर ही पकड़ लेनी चाहिए , छूटनी नहीं चाहिए – राजश्री जैन : Moral Stories in Hindi

प्रिया दो तीन दिनों से छुट्टी पर थी आज जब काम पर गयी तो भी चुप सी थी गरिमा ने पूछा क्या हुआ तो पहले तो कुछ नहीं कहा फिर रोती हुई बोली –दीदी दो दिनों से मेरा पति रमेश मुझसे बहुत झगड़ा कर रहा है किसी न किसी बात को ले कर कल तो … Read more

जितने मुँह उतनी बातें – राजश्री जैन . : Moral Stories in Hindi

    गरिमा बहुत सीधी थी , वह सब पर बहुत जल्दी विश्वास कर लेती थी . कुछ दिनों पहले  वह घर की समस्याओं के कारण  कुछ परेशान सी थी . उसने अपनी पड़ोसन  मधु से मन की सारी बातें बता दी जैसे की अपने बेटे बहू और पति की बातें . शाम को जब गरिमा गार्डन … Read more

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