खुशियों का मंत्र – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

“जब देखो, घर में अशांति ही छाई रहती है, बहू रोज़ कोई-न-कोई गुल खिला ही देती है।” सीमा गुस्से में बड़बड़ा रही थी। “मैंने क्या किया मम्मी जी, जो आप मुझे बोल रहे हो। अपने पति से सिर्फ़ बात ही की है।” ममता ने अपनी सासुमाँ से कहा। “तुझे कितनी बार बोला है, उसके साथ … Read more

परिचय – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

हर माता-पिता की दिली तमन्ना होती है कि उसके बच्चे हमेशा सुखी रहें। इसलिए वे उन्हें छोटी छोटी बातों में गच्चा दे जाते हैं। मालती भी यही चाहती थी कि उसकी बेटी पढ़-लिख कर अफ़सर बन जाए, इसलिए वह उसे गच्चा दे रही थी कि वह एक स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करती है … Read more

सही फ़ैसला – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

एकल परिवार में रहने वाली मीना की शादी एक संयुक्त परिवार में हुई जहाँ उसके एक जेठ, एक देवर, जेठानी व उसका दो साल का प्यारा सा बेटा यश है। मीना के सास, ससुर व पति बहुत अच्छे स्वभाव के हैं। जेठानी भी उससे बहुत स्नेह करती है। देवर तो भाभी-भाभी कहते हुए आगे-पीछे घूमता … Read more

दर्द का एहसास – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

” तुमने मेरी नाक कटवा कर रख दी। इज़्ज़त मिट्टी में मिलाकर रख दी। बस यही दिन देखना रह गया था। तुम्हें शर्म नहीं आई, यह सब करते हुए। अपने माता-पिता के अरमानों पर पानी फेर दिया। मेरा नाम डुबोकर तुम्हें चैन मिल गया होगा।” पिता जी गुस्से में संजीव को बोल रहे थे।     पर … Read more

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