खुशियों का मंत्र – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi
“जब देखो, घर में अशांति ही छाई रहती है, बहू रोज़ कोई-न-कोई गुल खिला ही देती है।” सीमा गुस्से में बड़बड़ा रही थी। “मैंने क्या किया मम्मी जी, जो आप मुझे बोल रहे हो। अपने पति से सिर्फ़ बात ही की है।” ममता ने अपनी सासुमाँ से कहा। “तुझे कितनी बार बोला है, उसके साथ … Read more