अम्मा_की_दुकान – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“आइए भैया जी! अभी-अभी ताजा फूल लाया हूंँ, कहिए क्या-क्या दे दूं?” संतोष को अपनी दुकान की ओर आते देख फूल विक्रेता हरिहर मुस्कुराया। “एक बढ़िया सा ताजा फूलों का तोरण और गेंदे की एक माला के साथ रजनीगंधा के कुछ फूल भी दे देना।” मंदिर के बगल वाले फूलों की दुकान पर संतोष ने … Read more

इंतजार – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“कब तक अपने पिता के घर में बैठी रहोगी सौम्या! अपनी पसंद से ही सही विवाह कर तुम भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश क्यों नहीं करती!” आज सौम्या से मिलने आई उसकी बचपन की सहेली और अब दो प्यारे-प्यारे बच्चों की मांँ बन चुकी राधिका ने बातों ही बातों में सौम्या को … Read more

कड़वा करेला – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“बेटी के विवाह में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन मेरा मन बहुत घबरा रहा है!” विवाह में आने वाले मेहमानों की लिस्ट तैयार कर रहे अपने पति अखिलेश के बगल में आकर बैठते हुए रंजना ने चिंता जताई। “इसमें घबराने जैसी क्या बात है! सारे इंतजाम वक्त पर हो जाएंगे तुम चिंता … Read more

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