जेवर – प्रियंका पांडेय त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

प्रिया की शादी का दूसरा दिन था। सुबह का समय जेठानी जी फर्श पर बैठी हुई थी ननद रसोई में नाश्ता बना रही थी अचानक ननद प्रिया के पास आई ,उसे आंगन में ले गई और ऊंचे स्वर में प्रिया से कहने लगी कि….      “भाभी ने हमारे लिए बहुत किया है वो मां के समान … Read more

रिश्तो की डोर – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’ : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi : वैभव की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी तो उसकी पत्नी वाणी ने उसे डाक्टर को दिखाया। डाक्टर ने बताया कि वैभव की दोनो किडनी खराब हो गई है। “लेकिन डॉक्टर वैभव तो कोई भी नशा नही करते फिर यह सब कैसे?” वाणी आश्चर्य से बोली “कभी-कभी अनियमित दिनचर्या,गलत तरीके से खान … Read more

मकान का किराया – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

मूसलाधार बारिश हो रही थी, एक बूढ़ा आदमी अपने कमरे का दरवाजा खोलकर फर्श पर बैठा बरसात को देख रहा था।निशा(छोटी बहू)…पिताजी (ससुर) के लिए पकौड़े बना रही थी तभी निशा के मोबाइल की घंटी बजती है निशा फोन रिसीव करती है,वह कुछ बोलती उससे पहले ही जेठ जी की कड़कती आवाज उसके कर्ण को … Read more

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