मन की गहराई से। – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi
मोबाइल बज उठा ,अंदाज़ तो था ही सुप्रिया का ही होगा । ‘हाय सखी कैसी हो, जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं’ वगैरह बातें हुई। “और बता ,कितने दिन हो गए मिले ही नहीं! मायके आने का समय नहीं मिला क्या?” मैंने उसे उलाहना दिया। ‘ अरे आयी थी ,दो ही दिन के लिये , बहुत जल्दबाजी … Read more