सरेआम बेइज्जती – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

संगीता मध्यम वर्गीय परिवार में पली बड़ी, खूबसूरती में बेजोड़। समय रहते ही उसके पिता ने अपने जैसा ही एक घर देखकर उसके हाथ पीले कर दिए। लोग हमेशा से ही उसकी खूबसूरती की तारीफ करते इसलिए थोड़ा इतराती भी थी। अपने परिवार में अपनी सब जिम्मेदारियां निभा रही थी। उसकी एक सहेली की शादी … Read more

ज़िंदगी जरूरी है या स्पीड – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अनिल शहर के एक बड़े बिजनेसमैन हैं। भगवान की कृपा से उनके घर में लक्ष्मी साक्षात विराजमान है। जिस किसी चीज में भी हाथ डालते वहीं सोना बन जाती। कहते हैं ना जैसे-जैसे धन बढ़ता है वैसे वैसे व्यक्ति का दंभ बढ़ता जाता है। रहीसाई बढ़ने के साथ-साथ शौक भी बड़े-बड़े होने लगे। नई-नई गाड़ियां … Read more

ग्लानि – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सानिया अपनी बेटी की पढ़ाई को लेकर बहुत ही सजग रहती। छोटी सी जान उसके पीछे पड़ी ही रहती सानिया। 12 वर्षीय अनिका सारे दिन किताबों में घिरी रहती। ट्यूशन में अगर टीचर छुट्टी कर लेती तो बबाल मचा देती सानिया। काम वाली बाई का भी एक-एक दिन का हिसाब गिन कर रखती क्योंकि सुघण … Read more

रिश्तो में तुलनात्मक व्यवहार क्यों? – प्राची अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

सुगंधा अपने परिवार में बड़ी बहू थी शुरू से ही। मायके में साधारण घर से थी। लेकिन यहां भरा पूरा परिवार था। कोई भी किसी तरीके का ताना उलाहना नहीं था लेकिन सुगंधा अपने को कमतर आंकती क्योंकि मायके से कमजोर जो थी। यह उसकी अपनी ही सोच थी। इसी उधेड़बुन में उसने चीजें खुद … Read more

हताशा क्यों? – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीट की परीक्षा उत्तीर्ण ना कर पाने के कारण स्वाति बहुत उदास हो गई थी। कुछ नंबर की ही कमी रह गई वरना पेपर निकल जाता। यह उसका तीसरा प्रयास था उसे पूरी उम्मीद थी कि इस बार क्वालीफाई कर लेगी। ऊपर से समाचारों में नीट की पारदर्शिता पर उठे सवालों से उसका मन और … Read more

परिवार सबसे बड़ा संबल – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

मोनिका की शादी को 10 वर्ष हो गए। उसके पति समर्थ का काम कुछ मंदा था। मध्यम वर्गीय परिवारों में आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया रहता है। बच्चों की स्कूल की फीस, महंगाई की बढ़ती मार,ऊपर से दवाई गोलियों का खर्चा। कुल मिलाकर खर्च पुरा ना पड़ पाता। रोज की किच-किच रहती। मोनिका बहुत अधिक … Read more

संगम रिश्तो का – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

चंचल का मन हमेशा उड़ाय मान रहता तितली की तरह। मध्यम वर्गीय परिवार में पली बढ़ी चंचल सपनों की दुनियाँ कुछ ज्यादा ही ऊंची रखती। आभासी दुनियाँ देखकर मन कल्पनाओं के सागर में हिलेरों लगाता। पढ़ने लिखने में तो साधारण थी लेकिन रूप श्रृंगार में कभी पीछे नहीं रहती। उसकी सहेलियां भी सब बड़े घरों … Read more

रिश्ते निभाना – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। मोहल्ले में भी शादी है इसलिए सभी घरों में थोड़ी सी चहल-पहल है शादी को लेकर। महिलाएं भी उत्साहित है। हल्दी के लिए पीले और मेहंदी के लिए हरे कपड़ों का चुनाव कर रही हैं। अब नया चलन हो गया है। शादी में भी अड़ोसी पड़ोसी सहपरिवार ही … Read more

जीना तो होगा – प्राची अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

शोभा और राजेश की गृहस्थी की गाड़ी सुचारू रूप से चल रही हैं। दोनों की शादी को 28 साल पूरे होने को आए। दोनों ने ही सदैव घर परिवार बच्चों के लिए स्वयं को समर्पित किया है। दोनों बच्चे पढ़ लिख कर ऊंची नौकरियों पर बड़े शहरों में सेटल हो गए हैं। बच्चे कामयाब भी … Read more

माँ का सम्मान – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुधीर जी का परिवार अपनी परंपराओं और मूल्यों से बहुत दूर हो चुका था। गांव की सादगी और रिश्तों की गहराई में पले-बढ़े सुधीर जी, शहर की भागदौड़ में उलझ गए थे। जब तक उनके पिताजी जीवित थे, वह हर साल गांव जाते और परिवार का दायित्व निभाते। लेकिन पिताजी की मृत्यु के बाद, उनकी … Read more

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