इस बार भूल नहीं…. – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi
“आशी…कब से बाहर धूल में खेल रही है… भीतर आओ” नीलिमा जोर से चिल्ला रही थी… चिल्लाते चिल्लाते,गला सूख सा आया… और जोर से खांसी उठी, खांसते खांसते बिस्तर के एक किनारे लटक सी गई। घबराकर अनिमेष की नींद टूट गई। फ़ौरन उठकर बगल की टेबल पर रखे जग में से गिलास भरकर पानी नीलिमा … Read more