थोड़ा सा बचा कर रखा है ,ये जो बचपन!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

बहू रानी,ये जो तुमने बालों को उठा कर सिर  पर जूड़े जैसा ( कहना तो चाहा था घोंसले जैसा) बांध लिया है ना ये कुछ अच्छा नहीं लग रहा है मुझे… आज ही  सारे नेगचार पूरे हुए हैं.. कोई आएगा तो क्या कहेगा? सोनल ( मालती जी की बहू) की आज ही नदी पूजन, देवी … Read more

सास बनते ही क्यूं बदल गई मां?? – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

सुरेखा जी से तो अपनी खुशी थामे नहीं थम रही थी और हो भी क्यों ना! नई ब्याहता बिटिया सिमरन और दामाद मानवेन्द्र घर जो आ रहे हैं! अपनी पड़ोसन को चहकते हुए बता रही थी। बेटी घूमने निकली थी तो थोड़ा सा रुट चेंज करके बीच में दो दिन के लिए मायके भी रुकने … Read more

कि रानी बेटी राज करेगी!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

मैं लैब में हूं, मम्मी…(  मतलब, अभी बात नहीं कर पाऊंगी..) आद्या ने जवाब दिया पूनम ने इत्मीनान के भाव के साथ फोन रख दिया…. ज्यादा बात ही नहीं हो पाई आज ही क्या… लगभग अक्सर ही मां बेटी के बीच ( बस) इतनी ही बात हो पाती है। और ये बस इतनी सी बात … Read more

ये मुझसे ना हो पाएगा -पूर्णिमा सोनी Moral Stories in Hindi

कह रही हैं मम्मी जी?… सीधे मेरे घर नहीं आएंगी साक्षी ने आश्चर्य से पूछा आखिर इतने दिनों बाद मम्मी जी ( सासू मां) को छुट्टी मिली है, उसके पास आने के लिए.. कितना कहते – कहते.. कभी  मम्मीजी को फुर्सत नहीं, कभी उनकी तबियत ठीक नहीं.. फिर उसी शहर में ही रहने वाली निम्मो … Read more

ये वादा रहा -पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

पूजाघर से घंटी की आवाज आ रही थी ।मां जी ( कल्याणी जी) आरती  गा रही थी।सुबह उठ कर घर में पूजा करती फिर,बहू वैशाली तब तक नाश्ता तैयार कर लेती, फिर नाश्ता करके मंदिर निकल जाती।  मोहल्ले की उनके उम्र की औरतें मंदिर में जाकर दर्शन करने के बाद मंदिर के पीछे वाले चबूतरे … Read more

आज मां देर तक सो रही है -पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

सीन 1– दादी आज गांव से आई हैं। ओफ्फो  दादी मां कितनी चीजें लेकर आई हैं आप क्या करुं बेटा.. तुम्हारे दादा जी के चले जाने के बाद सारी खेती मजदूरों के सहारे चल रही हैं, कितना कुछ होता है खेत में, आते समय लगता है कितना ले चलूं बच्चों के लिए, यहां तुम्हारे पापा … Read more

वो चार लोग -पूर्णिमा सोनी Moral stories in hindi

वीना अपने छोटे से बेटे नकुल को हाथ पकड़कर घसीटते हुए घर वापस आ रही थी। दिन भर गली के लड़कों के बीच खेलता रहता है.. बस  उधम मचाना… पढ़ने लिखने में तो मन ही नहीं लगता… बड़ा भाई इतना पढ़ने में होशियार है… तुम्हें तो सिर्फ खेलना..रहता है .. हर समय और ये क्या … Read more

प्यास लगने पर कुआं नहीं खोदा जाता – पूर्णिमा सोनी : Moral stories in hindi

कितना अच्छा लड़का मिल रहा है!.. मौसी ने बताया है .. कितनी अच्छी मां हैं लड़के की, कितने प्यार से बात कर रही थीं.. अच्छे से रखेंगी हमारी वर्तिका को….  भई हमें तो पसंद है यह रिश्ता पसंद है.. मैं तो कहती हूं जी, हमें फटाफट शादी की तैयारी करनी चाहिए.. लेकिन मां,मेरा मास्टर्स करने … Read more

मां कहती थी- पूर्णिमा सोनी : Moral stories in hindi

प्रीति ने सभी काम भलीभांति समेट दिए थे। सुबह का खाना निपटाने के बाद चौका साफ कर दिया था। जब तक वो सबको खाना खिला कर, स्वयं खाना खाती, तब तक ( सासू मां) मम्मी जी के चाय पीने का समय हो जाता। उसने चाय का भगोना चढ़ा कर सबको चाय भी पिला दिया… सब … Read more

खुशियों की तलाश! – पूर्णिमा सोनी : Moral stories in hindi

विन्नी  सीढियां चढ़ते हुए ऊपर पहुंची और धीरे से दरवाजे को धक्का दिया, दरवाजा खुला हुआ था अरे आओ.. कब आई पता ही नहीं चला, सरिता जी ने कहा हां, नीचे वाला दरवाजा खुला देखकर मैं समझ गई थी कि आप घर पर ही हैं… विन्नी ने सोफे पर बैठते हुए कहा आज मोलू और … Read more

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