अस्तित्व – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

विशाखा आज पहली बार रिटायरमेंट के बाद अपने घर में अकेली थी क्योंकि परिवार के सभी सदस्य अपने अपने काम पर घर से निकल चुके थे ।आज वह अनमनी सी किंकर्तव्यविमूढ़ बैठी हुई थी। सोचा, क्यों न प्याली चाय बनाकर आगे के बारे में सोचा जाए। वह चाय बना लाई और ड्राइंग रूम के सोफे … Read more

पहल – पूनम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

विदिप्त बहुत दिनों बाद इस मुहल्ले में लौटा था, लेकिन सड़क गलियां सब पहले से बहुत बदल गई थीं। पहचान पुरानी थी, इसलिए विपुल के घर का गेट खोलकर बेधड़क वह दरवाजा खटखटाया, दरवाजा विभा ने खोला। उसे देख वह अवाक रह गया उम्र के साथ वह अब और ज्यादा निखर गई थी लेकिन कुछ … Read more

अव्यक्त एहसास – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

किताब कॉपी के बीच घिरा विदग्ध, मैथ के सवाल में उलझा हुआ था, कि अचानक दरवाजे पर खटखट की आवाज़ सुनकर उसकी एकाग्रता भंग हो गई।  वह लापरवाही से उठकर दरवाजे की ओर बढ़कर दरवाजा खोला।  सामने डाकिया लिफाफा लिए खड़ा था।  ‘विदग्ध मिश्रा कौन है?’ -डाकिया ने पूछा। ‘जी, मैं ही हूंँ ‘- कहते … Read more

मातृत्व – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

” कितनी प्यारी है  गुड़िया ?” “सिस्टर! ये गुड़िया नहीं  मेरा मेरा नाती है। ” माँ की आवाज़ कानों पड़ते ही विभा की तंद्रा टूटी। वह होश में आ गई थी, लेकिन उसकी पलकें उसका साथ नहीं दे रही थीं। वह चाह कर आँखें नहीं खोल पा रही थी। फिर धीरे- धीरे उसका अतीत पन्नों … Read more

पगली – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

सुधा सुबह के भागमभाग भरी दिनचर्या के बाद पति को विदा करने के लिए बालकनी में जा खड़ी हुई। पति ने गराज से मोटरसाइकिल निकालते हुए ऊपर की ओर प्रणय प्रस्ताव की उम्मीद से देखते हैं और सुधा कुसुमित पुष्प की प्यार भरी मुस्कान के साथ हाथ हिलाते हुए, विदा करती है। पति  सुकुन भरे … Read more

बिखराव – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

विथीका के रिटायरमेंट का जश्न मनाने पूरा परिवार एक साथ एकत्र हुआ था। दोनों बेटे, बहुएँ, बेटी और दामाद । रात्रि भोज का आयोजन बच्चों द्वारा एक सर्प्राइज के तौर पर किया गया था। विथीका यह सब देख बहुत  खुश थी। उसे भी तो इस रिटायरमेंट इंतजार था। वक्त धीरे-धीरे रेत की तरह मुट्ठी से … Read more

परीक्षा भवन – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

आज से हाॅफ-ईयरली का लिखित परीक्षा आरम्भ हो गया है। वंदना जब विद्यालय के स्टाफ रूम में पहुँची तो, उसे मोबाइल पर ड्युटी रूम को तलाशती रिया दिखी। वह मोबाइल में देखते हुए इक्जामिनेशन रूम की ओर जा रही थी, कि वह उससे टकराई। ‘साॅरी मैम, गुड माॅर्निग मैम’  के साथ माफी और अभिवादन का … Read more

समझौता – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

वेदिका आज सुबह से ही अनमनी सी थी। एक द्वंद्व उसके अंतर्मन में निरन्तर चल रहा था। रात की घटना उसे जीवन के दो राहें पर ला खड़ा किया था। वह क्या करे और क्या ना करे उफ़ ! ये कैसी उलझन? जी चाहता था, कि बेटी के वाट्सअप चैट पर उसे खरी खोटी सुनाए, … Read more

सन्धि द्वार – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

लगभग चार साढे़ चार बजे थें, घरेलू उपयोग के जरूरी समानों की खरीदारी कर वैदेही घर की ओर  तेजी से पैदल ही बढ़ रही थी, क्योंकि उसे डर था, कि कामवाली लौट जाएगी, तो बर्तन की सफाई भी उसके सिर पड़ जाएगा। घर के करीब पहुंँची ही थी, कि उसकी निगाह सामने से आती महिला … Read more

मन की कड़वाहट – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

आज एक्साइज इंपेक्टर की ड्यूटी पर बिरला मार्केट में निरीक्षक की भूमिका में वंशिका मार्केट के मुख्य भाग में दाखिल हुई थी। सरकारी महकमे में ड्यूटी की व्यस्तता के कारण उसे बीते पल को याद करने की फुर्सत भी नहीं मिलती। बीस वर्ष के सेवाकाल में वर्तमान को समेटते समेटते भूत को उसने ताक पर … Read more

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