खुशियां बांटने से बढ़ती हैं – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

“खुशियां बांटने से बढ़ती हैं “ “छोटी छोटी बातों में खुशियों की तलाश किया करो, यूं हर बात में ,हर व्यक्ति में नुक्श निकालोगी तो जीवन को नरक बनते देर नहीं लगेगी,बेटा।” मां ने अरुणिमा को समझाते हुए कहा। पर मां मैं इस तरह के माहौल में नहीं जी सकती,अमोल एक कदम भी अपनी मां … Read more

नमक का हद अदा करना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

कुणाल को कुत्ते बिल्ली बहुत पसंद थे ।पर उसके माता-पिता किसी भी कीमत पर न कुत्ता न बिल्ली ही पालने को तैयार थे। एक दिन वह अड़ गया कि मुझे पप्पी चाहिए ही चाहिए नहीं तो मैं खाना ही नहीं खाऊंगा । लेकिन उसकी इस धमकी का भी उन पर कोई असर नहीं हुआ । … Read more

इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है। – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

आयूष ओ आयूष देखो तो दरवाजे पर कौन है?? रमा ने रसोई से ही आवाज लगाई। आयूष हाथ में मोबाइल पर वीडियो गेम खेलते हुए ही दरवाजे तक आया और बोला जी कहिए किससे मिलना है? मैं राजेंद्र खत्री, पापा हैं घर पर ? नहीं पापा तो नहीं है मम्मी हैं । अयूष यह कह … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढ़ूंंढ रहा है…. पार्श्व में गाने के बोल मंजरी के कानों में पिघले शीशे से लग रहे थे और वह न चाहते हुए भी आंसुओं के समुद्र में भीगी जा रही थी। रह रह कर वह खूबसूरत पल उसे याद आ रहे जो उसने अमित के साथ गुजारे थे, हाथों … Read more

 सुहाना सफ़र  – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

हर सोमवार की तरह आज भी मैं निकला था सफर पर उसी जानी पहचानी रास्ते पर जिस पर चलते हुए अब लगभग साल भर हो चुका है। बस अभी दस मिनट में चलेगी, क्योंकि सवारी आए या नहीं आए इसे नियत समय पर निकलना होता है। सही है समय का बंधन भी कितना जरूरी है, … Read more

 प्रायश्चित- पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

जेल( लॉकअप )की अंधेरी कोठरी में बैठकर आंसू बहाने के सिवाय उसके पास कोई चारा भी नहीं था । ये आंसू पश्चाताप के थे या अपने अपमान के? वह खुद भी यह नहीं समझ पा रहा था। रह-रह कर दांत भिंच जाते और अपनी बेबसी पर अपनी ही मुठ्ठी को दीवार में मार देता। वह … Read more

चाची – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

कुछ आर्टिकल लिख रही थी उमा कि बाई ने आकर बताया गेट पर कोई है । आपके नाम से पूछ रहीं हैं । मेरे नाम से ? जी कह रहीं हैं कि उमा हैं ? इस तरह तो मुझे केवल मेरे बहुत अपने ही संबोधित करते हैं,पर बिना सूचना के इस समय कौन हो सकता … Read more

बस इतना सा ख्वाब है – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दीपा और रागिनी बचपन की मित्र हैं और संयोग से दोनों की शादी भी एक ही शहर में हो गई । समान शौक , बचपन की दोस्ती और एक ही शहर में रहते अब भी इनकी प्रगाढ़ दोस्ती में कोई अंतर नहीं पड़ा है। एक दिन अचानक ही रागिनी ने दीपा को फोन किया और … Read more

समझौता अब नहीं – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

सुनिए कल सुबह मुझे सात बजे की बस पकड़नी है ऋषिकेश के लिए। कल सुबह? ऋषिकेश? किसलिए? आनंद जैसे नींद से जागा हो,इस तरह चौंक गया। अरे मैंने आपको बताया तो था कि मैं अब कुछ दिन के लिए प्रकृति की गोद में रहना चाहती हूं, यहां की भागम भाग से आजिज आ चुकी हूं … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढ़ूंंढ रहा है…. पार्श्व में गाने के बोल मंजरी के कानों में पिघले शीशे से लग रहे थे और वह न चाहते हुए भी आंसुओं के समुद्र में भीगी जा रही थी। रह रह कर वह खूबसूरत पल उसे याद आ रहे जो उसने अमित के साथ गुजारे थे, हाथों … Read more

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