आत्मा की तकलीफ – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

दोपहर दो बजे रीना की आँख खुली । उनींदी आंखों से देखी अभी तो रात ही है और फिर उसने कॉलेज से छुट्टी ले ली थी । आँखें बंद किया रात में लिखी कविताओं के बारे में सोचा इतने लाइक इतने कमेंट बहुत ही संतुष्टि हुई । बरसों उसकी डायरी लिखने की आदत अब काम … Read more

काश मेरी भी एक बेटी होती – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

अपनी व्यस्ततम ज़िंदगी से कुछ वक़्त निकालकर यशोदा बगीचे में शाम को टहलने अवश्य ही जाती थी। बगीचे में नियमित रूप से आने वाले अधिकतर लोग यशोदा को जानने लगे थे। आस पास में रहने वाले बच्चे भी शाम को वहां आते थे। नंदिनी भी अक्सर शाम को वहां आया करती थी। सबसे अलग, शांत और गुमसुम रहने वाली इस … Read more

हूक – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

जहां से स्कूली शिक्षा समाप्त होती है बच्चे अपने कैरियर का चुनाव करते है वहां तक पहुंचने की ज़द्दो-ज़हद आज कई वर्षो से चल रही थी । हर बार कुछ न कुछ कमी रह ही जाती कभी रिटेन खराब हो जाता तो कभी डेमो और कभी इंटरव्यू पर रीमा ने हार नही मानी। उसे अच्छे … Read more

नमक मिर्च लगाना – रितिका सोनाली : Moral Stories in Hindi

“तू अपनी है? कह कर माँ ने जोर से आरती को झटका, अपने मायके के बसे बसाये घर को उजाड़ना चाहती है और अपनेआप को अपना कहती है? छी: शर्म आती है तुझे अपना कहते हुए, तूने ऐसी नमक मिर्च लगाकर कहानी बनायीं की अब तो मुझे शक है की तू मेरी बेटी है. “तू … Read more

स्वार्थी संसार – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

नाजों से पहली सुमन को कहां पता था कि उसके जीवन में एक मोड़ ऐसा भी आएगा कि  सुमन वो सिर्फ नाम की यह जाएगी, न कोई सुंगध न ताजगी बस किसी मुरझाए फूल की तरह जिंदगी गुजारनी होगी , घर के कामों से थक कर ज़रा सा बैठी ही थी सुमन की सासूमां की … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई – अनिता मंदिलवार सपना : Moral Stories in Hindi

   मीनू बहन जी , मीनू बुआ जी । सबका यही संबोधन था उनके लिए , ये मात्र संबोधन नही था । संबोधन जैसे जुड़े रिश्ते भी वैसी ही आत्मीयता और उतना ही सम्मान लिए हुए था । उनके जीवन की कहानी सबसे अलग है ।बचपन तो सामान्य ही था । छ: बहनों में सबसे लाडली … Read more

ममता – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज रानी ने पहली बार भाभी और भाई को जबाब दिया था। भाभी जब थपाडा मारना चाही तो हाथ उलट दिया -बस आज के बाद हाथ उठाना दूर यदि आंख उठायी तो—बाल पकड़कर खींचा। दोनों पति पत्नी अंदर चले गए। रानी कमरे में गयी और खो गयी अतीत की याद में — आज से तीस … Read more

ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है। और जिसके पास ये अभी अभी आई हो उसका तो क्या कहना। तुम भी इस धन की वजह से बहुत घमंडी हो गए हो, अपने सामने किसी को कुछ नहीं मानते। नए नए पैसे कमाए हो तो इसका मतलब ये नहीं कि तुम रिश्ते … Read more

नफ़रत की दीवार। – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

आज नए घर की शिफ्टिंग के दौरन एक पुरानी एल्बम हाथ लगी मैं सब काम छोड़ कर वह एल्बम देखने लगी जिसमें सबसे पहली फोटो थी सुमंत बुआ की, सुमंत बुआ की बस एक ही फोटो थी मेरे पास ,होती भी कैसे,वो फोटो जो नहीं खिंचवाती थी, जैसे ही कोई शुभ काम हो सुमंत बुआ … Read more

नफरत की दीवार – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

सुबह-सुबह मोहल्ले में श्रीवास्तव जी के घर से रोने की आवाज आ रही थी। एक साल पहले ही श्रीवास्तव अंकल ने मकान मेरे मोहल्ले के दूसरी तरफ खरीदा था। मन में बड़ी घबराहट हो रही थी। तभी मेरी कामवाली आई ,तो मैंने उससे पूछा क्या हुआ सरोज….? क्योंकि सरोज श्रीवास्तव अंकल के घर भी  काम … Read more

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