खुला आसमान। – पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

 रीना , जरा अच्छी तरह साफ कर ये जगह, तेरा नाम रीना ही है ,ना, थोड़ा जोर से साफ क्यों नहीं करती, सीमा चिल्लाते हुए बच्चों से बोली। एक को डांट पड़ते ही सारे बच्चे जो कि 7,8थे,सहम गए, तथा पूरे जोर से कार्य करने लगे। सारे ही 10से 12साल के थे। सिर्फ सुमेधा  ही … Read more

मैं तेरी जीवन संगिनी – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

मेघा को जब यह खबर मिली तो वह घर का राशन लाने मार्केट गयी हुई थी। अभी वह दालें दूकान दार को लिखा ही रहीं थी कि पीछे से मालती बहन ने आकर कहा, मेघा जल्दी से घर जा , तेरे घर छापा पड़ा है। मेघा ने जितना सुना ,उस से ही वह बेहोश जैसे … Read more

जैसा तुम ठीक समझो – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

जावित्री और सुकेश पति-पत्नी बन कर फूले नहीं समा रहे थे। 7सालो की जान-पहचान के बाद अब कहीं जाकर शादी हो पाई थी। वहीं सुकेश का किसी और जाति होना तथा जावित्री का उनके स्टेटस का न होना शादी में बांधा बन रहा था। जावित्री के नाना सुकेश की दूसरी जाति की वजह से परेशान … Read more

तूफानों से उबरना – *पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

बड़ी ही सराहा रात्रि थी। निमेष अंधेरे में बैठा ये सोच रहा था कि आखिर वह करें तो क्या करें।सब कुछ तबाह होने के बाद किस तरफ का रूख करें। क्या नहीं था उसके पास , एक हंसता-खेलता परिवार। अच्छी नौकरी, घर परिवार । पर न जाने किस की नजर लग गई। उसके आफिस में … Read more

भगवान है, पर कौशिश स्वयं करो। – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

सावित्री देवी एक जीवट महिला थी।‌वह सुखनपुर गांव में रहतीं। जैसा कि गांव में होता है लकड़ी काट कर लाओ तब चूल्हा जले हालांकि अब तो गांवों में भी ईंधन की सुविधा हो गई है । पर जवानी में उन्होंने काफी श्रम किया । सुबह अंगीठी जलाकर खाना पकाना दो छोटे बच्चे , पति कारखाने … Read more

मैं तेरे सदके – *पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

  पीहू और निमू दोनों बहनें हैं। दोनों का नाम असल में पीषिमा और निमिषा है पर दोनों पीहू और नीमू नाम से ही जानी जाती हैं। दोनों दो बदन एक जान बन कर रहतीं। दोनों में एक साल का अंतर था। इसलिए दोनों बहनें तो थी ही पर सहेलियां भी बहुत पक्की थी। दोनों राजेन्द्र … Read more

हरे पत्ते – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

  कामिनी बेटी, जोया की दुल्हन की साड़ी ले आईं, रूक्मिणी देवी ने  कमरे के अंदर से ही आवाज लगाई। मांजी ले तो पहले ही आए थे , मैं और रोशनी पर आज तैयारी के लिए दुकान में दी थी, कामिनी ने कमरे की देहरी पर आते हुए कहा। तो अब जा कर ले आओ, रुक्मणी … Read more

चीनी घुली चाय – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

सोनल अपनी नई ड्रेस जो कि उसे सासू मां ने दी है , निकाल कर निहारे जा रही थी। तभी फोन घनघना उठा , उसकी छोटी बहन का था, उसने फोन उठा कर हेलो की ,कि छोटी बहन रेखा का रूदन सुनाई दिया, अरे रेखा क्या हुआ ,तू रो क्यों रही है, उसने बैचेनी से … Read more

बदलाव – * पूनम भटनागर। : Moral Stories in Hindi

सीमा आज तुमने फिर मेरे कपड़े प्रेस नहीं कराए , आज चार दिन हो गए कहते हुए , मुझे आज की मीटिंग में वही नीली शर्ट पहन कर जानी थी , सौरभ ने चिल्लाते हुए कहा मैं भी तो घर में नहीं थी सीमा ने उससे ज्यादा जोर से चिल्लाते हुए कहा। तुम सुबह से … Read more

अब तो कह ही दो – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

सुवर्णा , कहां हो तुम , ये पेपर साइन करने थे, मीटिंग के लिए देर हो रही है,। सोमेश्वर , मैंने कहा था न,कि अब मेरे साइन की जरूरत नहीं है, तुम स्वयं ही सब देख लिया करो। मैंने भी कहा था न, सुवर्णा, तुम अगर मेरी बात नहीं मानोगी, तो मैं यह कैसे कर … Read more

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