मेरा दोस्त भूखा है, माँ – पूनम बगई : Moral Stories in Hindi

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दादी को गुजरे आज 2 महीने हो गए थे, पर आठ साल का निखिल अभी भी दादी को बहुत याद करता था। निखिल के दादा दादी निखिल को बहुत प्यार करते थे। छुट्टियों मे तो निखिल सुबह दादी के ही हाथ के परांठे खाता था। दादा जी के साथ बैठ अपनी प्यारी बातों से उनका … Read more

घमंड का टूटता घोंसला – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

साथ बचपन में खेले, छोटे भाई पर जान छिड़कने वाले महेश ने उम्र और पैसा बढ़ने के साथ ही माँ और परिवार दोनों से कटाव महसूस करना शुरू कर दिया।  महेश और राकेश, दो भाई, एक ही छत के नीचे रहते थे। उनका परिवार बंटा नहीं था, पर उनके दिलों में धीरे-धीरे दूरियाँ बढ़ने लगी … Read more

अपना चाँद छुपा कर उजियारा ढूँढे इधर-उधर – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

रमन और शुभा अविनाश की शादी में जाने के लिए तैयार हो रहे थे।  “आपका वो दोस्त आएगा क्या शादी में?” शुभा ने रमन से तैयार होते हुए पूछा। “कौन?” रमन का ध्यान अपनी टाई को ठीक करने में ज्यादा था। “वही पागल सा जो जब देखो भाभी जी करता हुआ, हम सब के पीछे … Read more

मुझसे दूर कहीं ना जा – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

“किसी को बताया न फिर देखना” नीता ने कहा। “पर आंटी, मम्मी को तो बता सकती हूँ” छोटी नित्या ने रोते हुए बोला। “मैं खुद बात कर लूंगी तेरी मम्मी से, वैसे भी तेरी मम्मी तेरी बात कहाँ सुनेगी, वो तो मेरी पक्की सहेली है। जो मैं कहूंगी वही मानेगी” नीता ने आंखें दिखाते हुए … Read more

नेम-प्लेट – पूनम : Moral Stories in Hindi

रमाकांत जी की पिचतरवीं सालगिरह, घर पर बेटा बहू अपने दोनों बच्चों के साथ इसी मौक़े के लिए, ख़ास शाम तक आने वाले थे। रमाकान्त जी की पत्नी शालिनी सुबह से ही बेटे बहू के आने की ख़ुशी में तरह तरह के व्यंजन तैयार कर रही थी। बेटा विशाल, बहू नैना और दोनों पोते बहुत … Read more

दूसरी की बेटी – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

 सुबह का वक्त था, घर में ख़ुशी और उत्साह का माहौल था।  रेखा, अपने माता-पिता की प्यारी बेटी, ने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया था। घर के सभी लोग उसके आसपास इकट्ठा थे। मिठाइयाँ बँट रही थीं, बधाइयाँ दी जा रही थीं, और सबकी निगाहें रेखा और उसकी नन्हीं बेटी पर टिकी हुई थीं। … Read more

ये जीवन का सच है – पूनम : Moral Stories in Hindi

राधिका ने कमरे के कोने में रखी चुप्पी के बीच अपने हाथों को घुटनों पर रखा और गहरी सांस ली।  घर में जैसे एक सन्नाटा पसरा हुआ था, और उसकी सास, मीना देवी, एक कोने में बैठी टीवी देख रही थीं। राधिका ने महसूस किया कि बीते कुछ महीनों से घर का माहौल एकदम ठंडा … Read more

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