मुझसे दूर कहीं ना जा – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

“किसी को बताया न फिर देखना” नीता ने कहा। “पर आंटी, मम्मी को तो बता सकती हूँ” छोटी नित्या ने रोते हुए बोला। “मैं खुद बात कर लूंगी तेरी मम्मी से, वैसे भी तेरी मम्मी तेरी बात कहाँ सुनेगी, वो तो मेरी पक्की सहेली है। जो मैं कहूंगी वही मानेगी” नीता ने आंखें दिखाते हुए … Read more

नेम-प्लेट – पूनम : Moral Stories in Hindi

रमाकांत जी की पिचतरवीं सालगिरह, घर पर बेटा बहू अपने दोनों बच्चों के साथ इसी मौक़े के लिए, ख़ास शाम तक आने वाले थे। रमाकान्त जी की पत्नी शालिनी सुबह से ही बेटे बहू के आने की ख़ुशी में तरह तरह के व्यंजन तैयार कर रही थी। बेटा विशाल, बहू नैना और दोनों पोते बहुत … Read more

दूसरी की बेटी – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

 सुबह का वक्त था, घर में ख़ुशी और उत्साह का माहौल था।  रेखा, अपने माता-पिता की प्यारी बेटी, ने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया था। घर के सभी लोग उसके आसपास इकट्ठा थे। मिठाइयाँ बँट रही थीं, बधाइयाँ दी जा रही थीं, और सबकी निगाहें रेखा और उसकी नन्हीं बेटी पर टिकी हुई थीं। … Read more

ये जीवन का सच है – पूनम : Moral Stories in Hindi

राधिका ने कमरे के कोने में रखी चुप्पी के बीच अपने हाथों को घुटनों पर रखा और गहरी सांस ली।  घर में जैसे एक सन्नाटा पसरा हुआ था, और उसकी सास, मीना देवी, एक कोने में बैठी टीवी देख रही थीं। राधिका ने महसूस किया कि बीते कुछ महीनों से घर का माहौल एकदम ठंडा … Read more

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