अनचाही – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नताशा की माँ संध्या जी कुछ सहेलियों के साथ आ रही थी। नताशा को सरकार की तरफ से उसके विशेष कार्योँ के लिए सम्मानित किया जाना था। जब नताशा की माँ को पता चला तब उन्होंने अपनी किटी समूह की सहेलियों पर अपनी धाक ज़माने के उद्देश्य से उनका भी अपने साथ आने का कार्यक्रम … Read more

सबक – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

एक सुनसान सवेरे, वृद्धाश्रम के बाहर, एक बुजुर्ग व्यक्ति बेहोशी की हालत में पाया गया। वहाँ से गुजरते लोगों की निगाह पड़ते ही तुरंत आश्रम के कर्मचारियों को सूचना दी गई। यह घटना इतनी अचानक हुई कि प्रत्येक व्यक्ति स्तब्ध रह गया। वे बुजुर्ग जिस तरह से वहाँ पड़े थे, उससे यही प्रतीत होता था … Read more

आईना – डा. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

दीपिका की जिंदगी में हर दिन सूरज उगते ही एक नई जिम्मेदारी के साथ शुरू होता था। उसका हर दिन सुबह-सुबह जल्दी उठने, घर को व्यवस्थित करने, सभी के लिए नाश्ता बनाने और बच्चों के स्कूल के लिए तैयार करने में ही गुजरता। सास-ससुर के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना, पति का टिफिन तैयार करना, … Read more

अपने आत्म-सम्मान की रक्षा उसके खुद के हाथ में है – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुहानी, जो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और उसे नौकरी करने का भी शौक था, शादी के बाद जब ससुराल आई, तो उसे अपने ससुराल में यह समझने में देर नहीं लगी कि यहां के लोग पढ़ी-लिखी बहू को आसानी से अपनाने वाले नहीं हैं। ससुराल में वह पहली बहू थी जिसने न केवल उच्च … Read more

उधार – डॉ. पारुल अग्रवाल,  : Moral Stories in Hindi

दिव्या और नीतू बचपन की सहेलियाँ नहीं थीं, परंतु एक ही सोसाइटी में रहने और हर रोज मिलने से उनमें घनिष्ठता बन गई थी। दोनों की उम्र में थोड़ी बहुत समानता थी और उनकी एक जैसी सामाजिक परिस्थितियों ने भी उन्हें आपस में जोड़ दिया था। दिव्या एक मध्यम वर्गीय परिवार से थी और अपने … Read more

हाउस हसबैंड – डॉ पारुल अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

राशि बहुत ही हंसमुख और प्यारी सी लड़की थी। उसका अभी कुछ ही समय पहले अमन के साथ प्रेम विवाह हुआ था। जिसमें दोनों के परिवार की सहमति थी। राशि ने अपनी शिक्षा मनोविज्ञान विषय में पूर्ण की थी और अब वो प्रमाणित काउंसलर थी और अपना खुद का क्लिनिक भी चलाती थी। शादी के … Read more

पूर्णिमा का चाँद – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

आज अरुंधति बहुत खुश थी उसका देवर नीलेश जिसे उसने सास ससुर की असमय मृत्यु के बाद बच्चे की तरह पाला था। उसने अपने भावी जीवन के लिए एक लड़की प्रिया को पसंद किया था। अब वो उसे लेकर अरुंधति और उसके पति राघव से मिलाने ला रहा था। सुबह से ही अरुंधति बहुत चाव … Read more

साध्वी – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

आज सब जगह सानिया की ही चर्चा थी। सानिया की पुस्तक साध्वी साहित्य अकादमी पुरुस्कार के लिए चयन की गई थी। आज उसके पाँव ज़मी पर रहे नहीं पड़ रहे थे। बहुत संघर्ष के बाद उसकी ज़िंदगी में ये पल आया था। आज छोटे से कस्बे की लड़की ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी एक … Read more

मसालों की खुशबू – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

आज सिया बहुत खुश थी क्योंकि आज उसका कई सालों का सपना पूरा होने जा रहा था। उसने बचपन से अपनी माँ का संघर्ष देखा था। आज उसे अपने बीते कल का एक एक पल याद आ रहा था।असल में जब वो सिर्फ़ सात साल की थी तभी उसके पापा एक दुर्घटना में चल बसे … Read more

दुर्गा का दसवां अवतार – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

पूरी सोसायटी में उसके गाए हुए भजनों की धूम रहती थी। नवरात्रि हो या गणेश पूजन सबको एकजुट करना और पूरे वातावरण को एक अलग ही सकारात्मक आभा से ओत प्रोत कर देना उसकी खूबी थी। नाम तो उसका अवनि था पर किसी के लिए वो भाभी थी तो किसी के लिए दीदी। बच्चों के … Read more

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