अनचाही – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
नताशा की माँ संध्या जी कुछ सहेलियों के साथ आ रही थी। नताशा को सरकार की तरफ से उसके विशेष कार्योँ के लिए सम्मानित किया जाना था। जब नताशा की माँ को पता चला तब उन्होंने अपनी किटी समूह की सहेलियों पर अपनी धाक ज़माने के उद्देश्य से उनका भी अपने साथ आने का कार्यक्रम … Read more