भाभी – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

करुणा अपनी आंखों में खुशियों की नई दुनिया बसाने के ढेर सारे रंगीले सपने लेकर आ गई पिया की नगरी!              तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थी करुणा। पिता एक सामान्य लिपिक थे, अतः आय सीमित ही थी। मगर संतोष और संस्कार का धन अकूत था उनके परिवार में! प्रत्येक आम पिता की … Read more

अपमान का दंश – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

“मैंने कहा ना माँ, मुझे स्मार्टफोन चाहिए तो चाहिए बस….” 18 वर्षीय जीतू ने तमतमाते हुए कहा। “बेटा, अभी तो इतने पैसे नहीं है लेकिन मैं धीरे-धीरे पैसे जमा कर तेरे लिए अवश्य ला दूंगी… बात को समझने का प्रयास कर बेटा..” तुलसी ने रुआंसे स्वर में उसे समझाने का प्रयत्न किया। “मेरे सभी दोस्तों … Read more

error: Content is protected !!