नये साल का तोहफा – नेकराम : Moral Stories in Hindi

प्रियंका ने आवाज देते हुए एक रिक्शा वाले से कहा मलका गंज के स्कूल चलोगे ,, रिक्शे वाले ड्राइवर ने जल्दी से कहा ,, जरूर चलूंगा बेटी मगर आज किराया 10 रूपये ज्यादा लूंगा पहले 20 रुपए लगते थे अब हमने पुराना रेट खत्म कर दिया है पुराना साल जा रहा है इसलिए आज से … Read more

संयुक्त परिवार – नेकराम : Moral Stories in Hindi

मैं ,,,, ई रिक्शा में बैठते हुए ड्राइवर से बोला — मुझे मुखर्जी नगर जाना है  वहां पर एक सिगनेचर अपार्टमेंट है बस उसी के गेट के सामने मुझे उतार देना ई रिक्शा वाले ड्राइवर ने बताया वहां के तो पूरे 40 रूपए लगेंगे ,, मैंने उसकी बातें सुनकर कहा , आप चिंता मत कीजिए … Read more

अक्ल से काम लेना – नेकराम : Moral Stories in Hindi

पत्नी ने मुझे अकेले में बताया अपना छोटा बेटा खाने-पीने के मामले में सबसे आगे हैं आखिर इस कैसे सबक सिखाया जाए ताकि यह अपनी आदत छोड़ दे मैंने पत्नी को वचन दिया तुम चिंता मत करो शाम को मैं ड्यूटी से जब लौट कर आऊंगा फिर अपने छोटे बेटे को समझाऊंगा अभी मैं ड्यूटी … Read more

पढ़ी-लिखी बहू – नेकराम : Moral Stories in Hindi

सरला अग्रवाल के तीन बेटे थे दो बेटों की शादी हो चुकी थी उनकी पत्नियां कम पढ़ी लिखी थी किंतु तीसरे बेटे की बहू सविता पढ़ी लिखी थी बस यही चिंता घर की दोनों जेठानियों को और सास को सता रही थी सरला ने अपनी दोनों बड़ी बहुओ को अपने पास बुलाया और कहा मैंने … Read more

नया मैनेजर – नेकराम : Moral Stories in Hindi

किशनलाल को बैंक में चपरासी की नौकरी करते हुए 14 साल बीत चुके थे बैंक का ताला खोलना और लगाना उसी का काम था लेकिन आज उसका मन बहुत घबरा रहा था अभी तक तो सब ठीक चल रहा था  अब न जाने क्या होगा आगे वह कुर्सी पर बैठे-बैठे एक गहरी सोच में डूबा … Read more

लता दीदी को सलूट है – नेकराम : Moral Stories in Hindi

रोज की तरह मैं नाइट शिफ्ट वाली ड्यूटी पर आकर खाली पड़ी चेयर पर बैठ गया रात होते होते मोहल्ले की सभी दुकानों के शटर धीरे-धीरे बंद होने शुरू हो चुके थे मौसम भी सर्द था इसलिए लोगों का आना-जाना भी बहुत कम था सामने ही मेंन रोड है जिस पर वाहनों का आना-जाना लगा … Read more

निकम्मी औलाद – नेकराम : Moral Stories in Hindi

अम्मा रात के 11:00 बज गए बाबूजी अभी तक काम से नहीं लौटे तब अम्मा बताने लगी कारखाने में फोन कर के पूछ लिया तुम्हारे बाबूजी सुबह कारखाने पहुंचे ही नहीं तुम लोग घर पर ही रहो मैं थाने जाकर रिपोर्ट लिखवा कर आती हूं इतना कहकर अम्मा घर से बाहर निकल गई बड़ा भाई … Read more

जीवन का रंग मंच – नेकराम : Moral Stories in Hindi

शहर की ऊंची ऊंची इमारत से कुछ दूरी पर एक छोटी सी कच्ची बस्ती थी उस बस्ती में सबसे छोटा मकान सरजू लाल का था वह अपनी पत्नी मायावती और अपने 7 बर्ष के बेटे ढिल्लू के साथ हंसी-खुशी दिन बिता रहा था ढिल्लू सरकारी स्कूल में पढ़ता था और पढ़ने लिखने में बहुत तेज … Read more

मेरी बड़ी बहन का दरिया दिल – नेकराम : Moral Stories in Hindi

पत्नी ने रसोई में पराठे बनाते हुए कहा , ,,,  सुनो जी अपनी शादी को एक साल पूरा हो चुका हैं आखिर हम बाबूजी पर निर्भर कब तक रहेंगे अब तुम्हें भी नौकरी करनी चाहिए दो पैसे कमाकर लाओगे तो बाबूजी को भी सहारा हो जाएगा पत्नी की बात सुनकर पहले तो मैं निराश हो … Read more

सामने वाला पार्क – नेकराम : Moral Stories in Hindi

मैं घर के नजदीक ही एक मेडिकल शॉप में काम करता था रात को जब भी घर लौटता पत्नी का चेहरा फूला हुआ देखता न जाने वह किस बात को लेकर गहरी चिंता में डूबी रहती थी शादी को 7 साल बीत चुके थे शादी के शुरूआती दिनों में तो मैंने पत्नी की इस बात … Read more

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