आ अब लौट चले – नीरजा कृष्णा : Moral Stories in Hindi

काफ़ी वर्षों के बाद मिन्नी अपने मम्मी पापा के साथ अपने घर, अपने दादा दादी के घर दिल्ली आई है। उसके बचपन में ही रमेश जी सपरिवार शिकागो में बस गए थे। पूरी तरह होश संभालने के बाद वो पहली बार भारत आई है। पूरा परिवार उनके स्वागत में लगा हुआ था। चाचाजी, चाचीजी और … Read more

पुरानी बातें – नीरजा कृष्णा : Moral Stories in Hindi

” पापा, मेरा मन बहुत घबड़ा रहा है। रजत को मैं अपने कड़वे अतीत से अवगत करा देना चाहती हूँ।” रजत से रिश्ता तय होने के बाद से उसका चेहरा सूखता जा रहा था। उन लोगों से उसके मम्मी पापा ने सच्चाई छुपा ली थी और उसे डांट दिया था, “भोलेपन में अपने सुख को … Read more

आज सूरज पश्चिम में कैसे उग गया? – नीरजा कृष्णा : Moral Stories in Hindi

रमा और सुधाकर का जीवन वर्षों से एक ही ढर्रे पर चल रहा था। सुधाकर जी अपनी नौकरी में और रमा गृहस्थी में पूरी तरह व्यस्त रहते थे। उनके विवाह को दस साल बीत चुके थे, लेकिन वे दोनों कभी अपनी दैनिक जिम्मेदारियों से बाहर निकलकर जीवन का आनंद नहीं ले पाए थे। सुधाकर जी … Read more

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