बन्धन (भाग 5)- नीलम सौरभ
“मैं समझाता हूँ न मेरी माँ तुझे! …देख, हमारी फैक्ट्री में काम करने वाले बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो बाहर से यहाँ मेहनत करने आये हैं, परिवार साथ नहीं है और या तो ख़ुद किसी तरह से खाना बना कर खाते हैं या फिर होटल या ढाबों में…और इन सबको अपने घर के, अपनी … Read more