रक्षाबंधन – नरेश वर्मा : Moral Stories in Hindi
नाम तो उसका मनोरमा था पर उसकी पहचान हमारे मोहल्ले में मुन्नी नाम से थी।जिस मध्यमवर्गीय मोहल्ले में हमारा मकान था उससे एक घर छोड़ मुन्नी का परिवार रहता था।मुन्नी के पिता स्थानीय कचहरी में किसी वकील के मुंशी थे।मुन्नी की उम्र उन दिनों १४ या १५ रही होगी। मुन्नी का भाई नहीं था उससे … Read more