नफरत की दीवार ( भाग – 1)- माता प्रसाद दुबे

जीवन के पैंसठ बसंत देख चुकी मालती देवी के पास सब कुछ था सिर्फ जीवन साथी को छोड़कर जो एक दशक पहले उसका साथ छोड़ चुके थे। रहने के लिए आलीशान घर दो बेटे रमेश, दिनेश,दो बहुएं,आरती,निशा, बड़ी बहू आरती के दो बच्चे आयुश,प्रीति,छोटी बहू निशा एक वर्ष पहले ही उसके छोटे बेटे दिनेश की … Read more

छुटकारा –  माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :सीमा की शादी हुए पांच साल बीत चुके थे..उसके पति राकेश प्रतिष्ठित संस्थान में कार्यरत थे..तीन साल की नन्ही बच्ची परी उसके ससुराल में सभी लोगों की आंख का तारा थी। उसकी सास रमादेवी,देवर विकास,ननद शीला,सभी लोग परी के साथ खेलते हुए बच्चे बन जाते थे..सभी लोगों की जान नन्ही परी … Read more

वचन – माता प्रसाद दुबे

गीता के मन में भय समाया हुआ था..कि कही रवि के मम्मी पापा उसे अस्वीकार न कर दें..एक हादसे ने उससे उसका सब कुछ छीन लिया था..पहले पिता फिर उसकी मां भी उसका साथ छोड़कर परलोक सिधार गई थी। एक रवि के सिवा उसका साथ देने वाला और कोई नहीं था।रवि दो साल पहले ही … Read more

कापुरूष (भाग -3 )- माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi

सत्य प्रकाश जी के फोन पर काल आ रही थी, दूसरी तरफ से उनके आफिस से कोई बोल रहा था, कामिनी ने सत्य प्रकाश जी के घर पर होने की गलग सूचना देकर फोन काट दिया।समय के साथ ही कामिनी और सुनीता को सत्य प्रकाश जी के साथ कुछ गलत होने का भय सताने लगा … Read more

कापुरूष (भाग -2) – माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi

“कामिनी मुस्कुराते हुए बोली।” मैं ठीक कह रहा हूं, कुछ गड़बड़ी हुई है, जिसमें मेरा भी नाम आया है, मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है?”सत्य प्रकाश जी चिन्तित होते हुए बोले।”जो आदमी एक मच्छर तक नहीं मार सकता,वह भला गड़बड़ क्या करेगा,वह तो मैं ही हूं जो इतनी हिम्मत करके दशकों से … Read more

कापुरूष (भाग -1) – माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi

सुनीता काफी खुलें विचारों वाली लड़की थी,अमीर लड़कों से दोस्ती करना,पार्टियां करना रात भर घर से गायब रहना यह सब उसकी दिनचर्या में शामिल था।उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था, उसके हर काम में उसकी मां कामिनी उसका सहयोग करती थी, उसके पिता सत्य प्रकाश का अपनी पत्नी कामिनी व बेटी सुनीता पर कोई … Read more

घुटन ( भाग 2)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

रामदयाल जी और राजू के लिए खाना सावित्री देवी खुद ही बनाती थी। रामदयाल जी की अन्य सम्पत्ति भू-भाग जो सावित्री के नाम पर थे व उसके कीमती ज़ेवर गहने सब दोनो बहूओ और बेटों ने आपस में बांट लिया था। सिर्फ एक आलीशान मकान जो कि रामदयाल जी ने लखनऊ के पाश इलाके में … Read more

घुटन ( भाग 1)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : घर में पार्टी चल रही थी..डीजे की धुन पर घर के सभी लोग मेहमानों के साथ थिरक रहे थे..उस आलीशान घर के एक कमरे में जीवन के सत्तर बसंत देख चुके रामदयाल जी कमरे में बैठे ख्यालों में खोये हुए थे..नौकरी से सेवानिवृत्त होने के पश्चात वह घर पर ही … Read more

बदनुमा दाग ( भाग 4)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “भैया एक बोतल पानी दें दीजिए” मालती प्रभात के बगल वाले दुकानदार से बोली। उस दुकानदार ने मालती को पानी की बोतल दे दिया। “यह दुकान कब खुलेगी?” मालती उस दुकानदार से बोली। “क्या बताऊं बहन जी, बहुत गलत हुआ है प्रभात भैया और उनके परिवार के साथ?” वह दुकानदार … Read more

बदनुमा दाग ( भाग 3)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “लेकिन मैं सब कुछ जानकर तुम्हारी शादी राकेश से नहीं कर सकता” रामप्रसाद जी मालती को डांटते हुए बोली। “पापा !मैं राकेश से ही शादी करूंगी,नहीं तो मैं कुछ गलत कर लूंगी जिसके जिम्मेदार आप लोग होंगे” मालती धमकी देते हुए बोली। “ऐसे बात करते हैं अपने पिताजी जी से, … Read more

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