नई रात – मनीष त्यागी : Moral Stories in Hindi

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शादी की धूमधाम कुछ कम हो चुकी थी। मेहमान भी काफी हद तक जा चुके थे। उज्ज्वल ने अपने कमरे का रूख किया थोड़ा झिझक कर कमरे का दरवाजा खोला तो नेहा थोड़ा और सिमट कर बैठ गई। “नही तुम्है ज्यादा औपचारिक होने की जरूरत नही है आराम से बैठ जाओ” उज्ज्वल ने शांत लहजे … Read more

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