अस्तित्व- मनीषा सिंह
अजी•• सुनते हो! कल मुझे निकलना है आपको याद तो है ना••? स्वाति किचन से ऑफिस के लिए तैयार होते हुए शेखर से बोली। हां-हां•• मुझे याद है तुम्हें अपनी पैकिंग आज ही करनी होगी! हां वो तो मैं कर लूंगी पर•• पर क्या? चश्मा लगाते हुए शेखर ने पूछा। आप मुझे अकेले ‘भोपाल’ भेज … Read more