भ्रम एक स्थिति – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

शहर के  महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय  की निर्वाचन  प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी परिणाम  की घोषणा होने वाली थी जैसे ही अध्यक्ष  पद पर निर्वाचित दिग्गजा राणे का नाम घोषित  हुआ पूरा हाॅल तालियों की गड़गड़ाहट  से गूंज उठा। चारों ओर  लड़कियों का हुजूम था। विजय दर्प से खिलखिलाती दिग्गजा को बधाई  देने वालों का … Read more

पुत्रवती और डिम्पल का संकल्प – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

 डिम्पल जल्दी-जल्दी किचन में हाथ चला रही थी अभी सुबह के 7 ही बजे थे, 8ः30 बजे उसे तथा अवनीश को निकलना था दोनों शहर की एक फार्मास्यूटिकल् कम्पनी में काम करते स्वयं का वाहन होने के कारण आधे घंटे में कम्पनी पहुंच जाते थे। घर में उनके अतिरिक्त अवनीश के माता-पिता तथा लगभग 5 … Read more

भाभी – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

 सबेरे के लगभग 8 बज रहे थे धीरा किचन में व्यस्त थी मोबाइल की रिंग सुनकर उसने फोन उठाया उधर से भतीजी के पति सुधीरजी का फोन था बीबी अम्मा की तबियत बहुत बिगड़ गई है आप जल्दी बम्बई पहुंचिये  मैं शुचि को वहीं छोड़ आया हूं दोनों बच्चों की वार्षिक परीक्षा होने के कारण … Read more

*पुत्रवती* – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

डिम्पल जल्दी-जल्दी किचन में हाथ चला रही थी अभी सुबह के 7 ही बजे थे, 8ः30 बजे उसे तथा अवनीश को निकलना था दोनों शहर की एक फार्मास्यूटिकल् कम्पनी में काम करते स्वयं का वाहन होने के कारण आधे घंटे में कम्पनी पहुंच जाते थे। घर में उनके अतिरिक्त अवनीश के माता-पिता तथा लगभग 5 … Read more

*बयार* – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

विद्याजी ने अचानक दीवार घडी की ओर देखा सबेरे के 8.30 बज रहे थे उन्हें ड्राइंगरूम में बैठे हुए लगभग एकघंटा हो गया था रविवार का दिन था इसीलिए अभी तक कोई भी सोकर नहीं उठा था ना बेटा यश ना बहू रीना ना नन्हा चार वर्ष का पौत्र अर्णव। पांच वर्ष पूर्व विद्यादेवी गांव … Read more

*अनुभूति* – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

मंदिर की घंटियों की आवाज से अन्विता की नींद खुली देख कमरे में झकाझक उजाला फैला था । उसकी कल की थकान अभी तक नहीं उतरी थी। पर बहुत काम पड़ा था पर उठना जरूरी था। असल में रवि का ट्रान्सफर प्रदेश की राजधानी में प्रमोशन पर हुआ था। कल ही वे लोग इस घर … Read more

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