पोता का विवाह – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

पहिला उछाव मोरे राम के बिआह, गीत गुनगुनाते हुए रचना जी रसोईघर मे काम कर रही थी। तभी उनके पति सुबह की सैर करके आए और उन्हें रसोईघर मे गुनगुनाते हुए काम करते देखकर खुश होते हुए बोले, आज बड़ी ख़ुश लग रही हो कामवाली के आने के पहले ही चाय चूल्हे पर चढ़ गईं … Read more

माफ़ी ही सबसे बड़ी सज़ा है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

 सुबह के सात बज रहे थे। विभा जी रसोई घर मे अभी चाय बनाने ही जा रही थी कि उनका मोबाईल बजा।इतनी सुबह सुबह किसने फोन किया होगा,यह सोचते हुए उन्होंने मोबाईल उठाया। स्क्रीन पर अपनी ननद निशा का नाम देखकर थोड़ा चिंतित हुई। पता नहीं इतनी सुबह उसने क्यों फोन किया है। उन्होंने जैसे … Read more

ज़रूरी तमाचा – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

सीमा, सीमा कहाँ हो? तुम्हे सुनाई नहीं दें रहा है? इतनी देर से पानी माँग रहा हूँ और तुम हो कि कुछ सुन ही नहीं रही हो। कहाँ मर गईं, पानी दोगी? ड्राइंग हॉल मे बैठा संजय लगातार चिल्लाए जा रहा था, परन्तु पता नहीं सीमा कहाँ थी जो सुन ही नहीं रही थी। अपने … Read more

 समझदार बहुएँ : घर मे सुख शांति – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

अनुराग जी का पैर बाथरूम मे गिरने के कारण टूट गया था। जिसके कारण डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ाकर तीस दिनों तक आराम करने को कहा था। यह सुनकर उनकी बेटी उनसे मिलने आने वाली थी। अनुराग जी के दो बेटा और एक बेटी थे। तीनो की शादी उन्होंने करा दिया था। दूसरे बेटे की शादी … Read more

 भावशून्य : लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

दादी माँ प्रणाम, कहते हुए पैर छूकर विमला जी के पोता पोती अपनी माँ के साथ स्कूल के लिए चले गए। यह उनका प्रतिदिन का काम था, स्कूल जाते वक़्त दादी को उनके कमरा मे जाकर प्रणाम करना और फिर स्कूल के लिए निकल जाना और रात मे भी सोने जाने के पहले दादी को … Read more

जरूरी नहीं कि लव मैरेज करने वाली लड़की खराब ही हो – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

स्कूल से आकर सुधा अभी पर्स से घर की चाबी ही निकाल रही थी कि तभी उसकी पड़ोसन आई और आकर मिठाई का डब्बा पकड़ाते हुए सुधा से कहा लो मिठाई खाओ। आज मेरे भाई की सगाई हुई है। सुधा ने आश्चर्य से पूछा तुम्हारे भाई की सगाई हुई है,कौन है जो तुम्हारे भाई को … Read more

सही फैसला – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

भाभी आ गईं, भाभी आ गईं, चलो चलकर देखते है। रीता और मीता के बड़े भाई रमेश क़ी कल शादी थी और आज दुल्हन को लेकर बारात लौटनी थी। बस आज सुबह से ही रीता और मीता अपनी सहेलियों के साथ बड़ी बेचैनी से अपनी भाभी का इंतजार कर रही थी। गाड़ी की आवाज सुनते … Read more

बच्चों का झगड़ा – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

डोरबेल की आवाज़ सुनकर मैंने दरवाजा खोला तो सामने पड़ोसन की बेटी खड़ी थी। मैंने कहा “आओ बेटा बैठो, माधुरी तो अभी पार्क से खेल कर नहीं आई है। क्या तुम खेलने नहीं गईं थी?” “ नहीं आंटी मेरी तबियत ठीक नहीं है इसलिए खेलने नही गई। वैसे मै माधुरी से मिलने नहीं आई हूँ। … Read more

भोर का उजाला – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रीतिका के पापा आइये चाय बन गईं। चाय पी लीजिए। कहाँ है? आइये चाय ठंडी हो जाएगी। सुबह सुबह कहाँ चले गए? रीतिका की माँ चाय का कप लिए अपने पति को चाय पीने के लिए ढूंढ रही थी। जब घर मे दिखाई नहीं दिए तो फिर अपने आप मे ही बोलने लगी, पता नहीं … Read more

अकेलेपन का दंश – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रेलगाड़ी अपनी पूरी रफ्तार मे चल रही थी। हौकरो की आवाज इसतरह से गूंज रही थी जैसे उनका इंजन की आवाज से कोई मुकावला हो और उन्हें उससे तेज आवाज मे बोलकर अपना सामना बेचना हो। एक समानवाला अभी अपना सामान बेच ही रहा होता कि दूसरा अपना सामान लेकर आ जाता। बच्चो को तो … Read more

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