“चिंता किसकी?”** – कुनाल दत्त : Moral Stories in Hindi
श्रीवास्तव जी और उनकी पत्नी सुमित्रा देवी दोनों अपने जीवन के साठ बसंत देख चुके थे। उनका एक बेटा, रवि, आईटी में काम करता था, और उसकी पत्नी पूजा घर की बहू बनकर आई थी। सब कुछ ठीक था, लेकिन श्रीवास्तव जी के मन में एक बात हमेशा चलती रहती थी— कि बहू तो किसी … Read more