“नया रिश्ता” – कुमुद चतुर्वेदी : Moral stories in hindi

  अस्ताचलगामी सूर्य की ओर मुँह किये एक आदमी समुद्र के किनारे दोंनों हाथ ऊपर को  उठाये खड़ा था मानो ताजी हवा ले रहा हो… तभी अचानक वह पानी में कूद गया और डूबने लगा। कुछ लोग जो तैरना जानते थे एकदम से  पानी में कूद पड़े और थोड़ी देर में ही उस व्यक्ति को कंधे … Read more

पटाक्षेप – कुमुद चतुर्वेदी : Moral Stories in Hindi

 रोली कॉल बेल बजाते थक गई थी पर दरवाजा नहीं खुला था। थोड़ा रुक कर उसने फिर बेल पर उँगली दबाई और इस बार भड़ाक् से दरवाजा खोल उसका पति दो कदम पीछे हटकर खड़ा हो गया। रोली ने अंदर आकर दरवाजा बंदकर अपने पति राकेश की ओर हैरत से देखकर पूँछा..  “कहाँ थे तुम … Read more

मेरा घर कहाँ – कुमुद चतुर्वेदी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” यह कूँ-कूँ पिल्ले जैसी आवाज कहाँ से आ रही है री नीति ? ” कहती हुई मंदा जब आँगन में निकली तो देखा नीति एक थैला पकड़े स्टोर रूम में जा रही थी। माँ की  आवाज सुन वह डरकर वहीं रुक गई।तबतक मंदा ने पास आकर थैला पकड़ कर … Read more

कलयुगी रिश्ते – कुमुद चतुर्वेदी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : आलोक बाबू और उनकी पत्नि सीमा ने अपने इकलौते बेटे को बहुत लाड़ प्यार से पाला था अपनी सीमित आमदनी में भी। खुद की इच्छाओं को दबा बेटे की हर इच्छा पूरी की थी उन्होंने । बेटा अंकित भी होनहार था। अपनी पढ़ाई पूरी कर इंजीनियर बन गया था और … Read more

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