बूढ़ी अम्मा – कुमार किशन कीर्ति : Moral Stories in Hindi

New Project 56

आज बूढ़ी अम्मा उदास है।निराश है। कहने को तो चार बेटे हैं,मगर किसी भी बेटे को इतनी फुरसत कहां की बूढ़ी अम्मा के पास वक्त निकालकर बैठे। हालचाल पूछे। बहुएं भी कुछ कम नहीं हैं।वे सब तो बेटों से कई कदम आगे हैं। बूढ़ी अम्मा को कभी आदर_भाव नहीं देती,और खाना तो हमेशा बिना किचकिच … Read more

मोहताज – कुमार किशन कीर्ति : Moral Stories in Hindi

New Project 77

“यह लीजिए दीनानाथ सेठ जी आपका काम हो गया है।अब आप बीडीओ साहिबा से हस्ताक्षर करवा लीजिए। इसके बाद आपका काम चकाचक!”मुखिया जी कागज सेठ को थमाते हुए बोले।कागज लेकर दीनानाथ तो खुश हो गए। इसी बीच, मुखिया जी उनके पास आकर धीरे से उनके कानों में बोले”सुना है, बीडीओ साहिबा बड़ी ही ईमानदार और … Read more

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